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जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक में हंगामा

जिला परिषद की बचत भवन चंबा में बुधवार को आयोजित त्रैमासिक बैठक में जमकर हंगामा हुआ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 11:10 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 06:36 AM (IST)
जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक में हंगामा
जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक में हंगामा

जागरण संवाददाता, चंबा : जिला परिषद की बचत भवन चंबा में बुधवार को आयोजित त्रैमासिक बैठक में जमकर हंगामा हुआ। बैठक में माहौल उस समय गर्मा गया जब जिला परिषद सदस्य किलोड़ वार्ड ललित ठाकुर अपनी चिरलंबित मांग को पूरा करवाने के लिए अड़ गए। इस दौरान ललित ने बैठक छोड़ने तक की धमकी दे डाली। उनका कहना था कि बीते दो वर्षो से वह दुनाली से बतोट के लिए सुबह 7.45 बजे बस सेवा आरंभ करने की मांग कर रहे हैं लेकिन हर बार उन्हें यह जवाब दिया जाता है कि जल्द ही बस सेवा आरंभ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि निगम प्रबंधन ने बस सेवा आरंभ तो की है, लेकिन उसका समय उचित न होने के कारण लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। ललित ने निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पर आरोप जड़ते हुए कहा कि आवश्यक्ता पड़ने पर वे फोन तक नहीं उठाते हैं। उन्होंने निगम प्रबंधन के खिलाफ रोष व्यक्त किया और उनसे कार्यप्रणाली में बदलाव करने की बात भी कही। इस दौरान करीब आधा घंटा बैठक की कार्यवाही प्रभावित रही।

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क्षेत्रीय प्रबंधक एचआरटीसी द्वारा तीन दिनों के भीतर बस सेवा आरंभ करने का लिखित रूप में आश्वासन देने के बाद मामला शांत हो पाया और बैठक की कारवाही आगे बढ़ी। इसके अलावा बैठक के अंत में जिला परिषद सदस्य बकाण वार्ड अमित भरमौरी ने उस समय बैठक से वॉकआउट कर दिया जब बैठक के अंत में वित्त आयोग का प्रस्ताव पारित करने को लेकर चर्चा आरंभ हुई। उनका तर्क था कि इस मुद्दे पर बैठक के आरंभ में चर्चा होनी चाहिए, जोकि नहीं किया जा रहा है। वह रोष प्रकट करते हुए बैठक छोड़कर चले गए। बैठक में गत बैठक की कार्यवाही की पुष्टि की गई तथा वर्ष 2019 -20 के लिए मनरेगा, 14वें वित्त आयोग व ग्राम पंचायत विकास योजना के सेल्फ का अनुमोदन किया गया। इस मौके पर जिला परिषद सदस्य,पंचायत समितियों के अध्यक्ष, सचिव जिला परिषद व जिला पंचायत अधिकारी हरबंस सिंह और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थिति रहे।

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छोटे कर्मचारियों को लाने पर अधिकारियों की लगाई क्लास

अधिकारियों के साथ छोटे कर्मचारी लाने को लेकर जिला परिषद की बैठक में जमकर क्लास लगाई गई। अधिकारियों को साफ आदेश दिए गए हैं वो बैठक में स्वयं आएं और अपने साथ किसी छोटे कर्मचारी को न लाएं। बैठक में अधिकारियों के अलावा अन्य कर्मचारियों का कोई भी काम नहीं होता है।


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