बिना बलि मणिमहेश झील पार नहीं करेंगे शिव चेले
संवाद सहयोगी, भरमौर : प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से प्रतिबंधित पशु बलि से छूट पाने के लिए पदमश्री मु
संवाद सहयोगी, भरमौर : प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से प्रतिबंधित पशु बलि से छूट पाने के लिए पदमश्री मुसाफिर राम वीरवार को शिव चेलों के साथ एडीएम भरमौर के पास पहुंच गए। मुसाफिर राम ने कहा कि न्यायालय ने धार्मिक स्थलों में पशु बलि पर प्रतिबंध लगाया है, यह जानकारी है। लेकिन उन तमाम धार्मिक स्थलों पर मानव जीवन कसौटी पर नहीं उतरता है, क्योंकि शिव चेले मणिमहेश झील को तभी पार करते हैं जब झील के एक अति गहरे भाग काली खप्पर में भेड़ का सिर चढ़ाते हैं। इससे काली माता उन्हें झील को पार करने की शक्ति प्रदान करती हैं, यदि प्रशासन पशु बलि नहीं करने देता है तो शिव चेले राधाष्टमी स्नान पर झील पार नहीं करेंगे। इस कारण श्रद्धालुओं की यात्रा पूरी नहीं हो पाएगी।
उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज त्रिलोचन महादेव के वंशज हैं, चूंकि पुलिस व प्रशासन शिव चेलों को मणिमहेश में बलि करने से रोक रहे हैं। ऐसे में बिना पशु बलि किए झील पार करने से शिव चेलों की डूबने से मौत हो सकती है। इससे पूर्व कई बार ऐसा हो चुका है, इसने भी बिना पशु बलि किए झील पार करने की कोशिश की है, वे डूब गए हैं। इस कारण चेले प्रशासन के पास पहुंचे हैं। एडीएम से कोई राहत न मिलती देख शिव चेले एसडीएम के पास अपनी मांग लेकर पहुंच गए, लेकिन उन्होंने भी शिव चेलों को पशु बलि न करने की सलाह दी।
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डूबने का भय तो बुलाएंगे तैराक
यदि पशु बलि न करने से शिव चेलों को झील पार करने में डूबने का खतरा है, तो वे झील पार न करें। बिना बलि दिए झील पार करने की अनुमति मिलती है और उन्हें डूबने का भय है तो प्रशासन पौंग बांध से विशेषज्ञ तैराकों व गोताखोरों की टीम भी तैयार रखेगा।
-जितेंद्र कंवर, एसडीएम, भरमौर
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न्यायालय के आदेश का होगा पालन
न्यायालय के आदेश की जानकारी देने के बाद इन्हें उच्च या सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाने की राय दी है। पुलिस व प्रशासन उच्च न्यायालय के आदेशों की हर हाल में पालना करवाएगा तथा किसी भी धार्मिक स्थान पर पशु बलि नहीं करने देंगे।
-सतीश कुमार, एडीएम, भरमौर।
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शिव व काली माता से पूछेंगे समस्या का निवारण
प्रशासन से कोई रियायत न मिलने पर शिव चेलों ने निर्णय लिया है कि वे भगवान शिव व काली माता का आह्वान करने के लिए समस्या का निवारण पूछेंगे। यदि देवताओं ने अनुमति नहीं दी तो वे झील को पार नहीं करेंगे।