रसोई गैस के दाम के दाम भी कम करे सरकार
घरेलू गैस की कीमत में बढ़ोतरी ने गृहणियों की परेशानी बढ़ा दी है
संजीव शामा, घुमारवीं
घरेलू गैस की कीमत में बढ़ोतरी ने गृहणियों की परेशानी बढ़ा दी है। गैस सिलेंडर की कीमत आसमान तक पहुंच गई है। इसमें खास कर हाल ही में उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर का लाभ लेने वाले बीपीएल परिवारों को झटका लगा है। पहले प्रति सिलेंडर के दाम नवंबर, 2020 में जहां 638.50 रुपये वहीं अब बढ़ कर 944 रुपये हो गए हैं। इसके अलावा वाहन खर्चा व लेबर अलग से जोड़ी जाती है। महंगाई के दौर में रसोई चलानी मुश्किल हो गई है। गांव ही नहीं बल्कि शहर में भी काफी परिवार पुराने धुएं वाले चूल्हे जलाने को मजबूर हैं। रसोई गैस का लाभ लेने वाले बीपीएल परिवार की कई महिलाएं अब चूल्हा जलाने को मजबूर हैं। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने रसाई गैस की कीमतों में लगातार वृद्धि को चिता का विषय बताया है। उनका कहना है कि सरकार इस बात पर ध्यान दे। केंद्र सरकार उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन बांट रही है। मुफ्त सिलेंडर पाकर हम लोग खुश हो गए थे लेकिन लगातार रसाई गैस के दामों में इजाफा हुआ है। उनकी मांग है कि सरकार रसोई गैस के दाम भी कम करे।
---------------------
उज्ज्वला योजना के तहत निशुल्क गैस कनेक्शन मिला था लेकिन अभी तो रसोई गैस का दाम भी बढ़ गया है। गरीब होने के कारण रसोई गैस भराने का पैसा जुगाड़ नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि सिलेंडर घर में धूल फांक रहा है और चूल्हा जलाने को मजबूर हैं।
रचना देवी (गृहिणी)
---------------------
रसोई गैस की बढ़ती कीमत ने सारा बजट बिगाड़ दिया है। आज रसोई गैस सबसे बड़ी जरूरत है। सरकार को इसे सस्ता करने पर विचार करना चाहिए। मजबूरी में पुराने संसाधनों की तरफ लौटना पड़ रहा है। इसलिए सरकार को रसोई गैस के दाम भी करने चाहिए।
-उर्मिला देवी (गृहिणी)
----------------------
एक साल में ही करीब 300 रुपये रसोई गैस सिलिंडर पर बढ़ गए हैं। एक तरफ रसोई गैस के दाम बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ खाद्य पदार्थों के दामों में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। इस स्थिति में रसोई चलाना भारी पड़ रहा है। चूल्हा जलाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
-रजनी देवी (गृहिणी)
----------------------
पहले कोरोना तो अब महंगाई कमर तोड़ने लगी है। रसोई गैस के दाम बहुत तेजी से बढ़ हैं। सरकार को रसोई गैस सस्ती करनी चाहिए। वरना वह दिन दूर नहीं जब महिलाओं को घर चलाने के लिए धुएं वाले चूल्हों की तरफ लौटना पड़ेगा।
-- शक्ति देवी (गृहणी)