सतलुज नदी से पानी भरने को मजबूर टिब्बा बस्ती के लोग
अंकिता शर्मा बिलासपुर दूरदराज स्थित प्राकृतिक जलस्त्रोतों से पानी सिर पर ढोने से छुटकारा
अंकिता शर्मा, बिलासपुर
दूरदराज स्थित प्राकृतिक जलस्त्रोतों से पानी सिर पर ढोने से छुटकारा दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने हर घर जल मिशन की शुरुआत की है। इसके लिए करोड़ों रुपये का बजट का प्रविधान भी किया है। विडंबना है कि विधानसभा क्षेत्र नयनादेवी के तहत माकड़ी पंचायत के टिब्बा बस्ती के कुछ परिवारों के लिए यह योजना मात्र सपना ही है।
योजना को शुरू किए हुए दो वर्ष बीत गए हैं लेकिन अभी तक 18 परिवारों के घरों में नल नहीं लग पाए हैं। स्थानीय लोगों में वीरेंद्र कटवाल, अकबर खान, अनिल ठाकुर, उर्मिला देवी, राकेश कुमार, रमेश चंद, चमन लाल व वासुदेव का कहना है कि समस्या के संबंध मे उन्होंने एक माह पहले स्थानीय विधायक को ज्ञापन भी सौंपा था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बस्ती में करीब 150 लोग रहते हैं, लेकिन पानी न होने के कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पीने के पानी का प्रबंध उन्हें या तो दूरदराज के प्राकृतिक स्रोतों या हैंडपंप से करना पड़ता है। जबकि अन्य कार्यो जैसे पशुओं को पीने के लिए पानी या फिर कपड़े आदि धोने के लिए सतलुज नदी से पानी ढोना पड़ता है। आजकल वैसे भी बरसात में बावड़ियों का पानी गंदा हो गया है जिस कारण समस्या विकराल हो गई है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने कई बार विभाग के चक्कर काटे परंतु हर बार उन्हें कोई न कोई बहाना बना कर बैरंग लौटा दिया जाता है। लोगों के अनुसार लगभग पांच माह पहले प्रत्येक घर से नल लगाने के लिए सौ-सौ रुपये ले लिए गए हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ है।
उधर, बरसात के मौसम में अब जहां एक तरफ प्रशासन सभी से नदी नालों से दूर रहने के आग्रह करता है, वहीं इस गांव के लोगों को जान जोखिम में डालकर पानी लाने के लिए सतलुज नदी में जाना पड़ रहा है। गांव में पानी का कोई स्त्रोत नहीं है और न ही कोई हैंडपंप, जिस वजह से उन्हें पानी के लिए नदी में उतरना पड़ता है। समस्या का समाधान न होने पर ग्रामीणों में सरकार व विभाग के खिलाफ रोष है।
जलशक्ति विभाग के सहायक अभियंता राकेश वैद्य ने बताया कि पाइप न होने की वजह से काम रुका था जैसे ही हमारे पास पाइपें आएंगी, जल्द ही काम शुरू कर देंगे।