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टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर में वीरानी दिख रही पर्यटक नहीं

अभिषेक सेठी, डंगार (बिलासपुर) उखली में सरकारी उपेक्षा के शिकार हुए टूरिस्ट रिसेप्शन

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 02:37 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 02:37 PM (IST)
टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर में वीरानी दिख रही पर्यटक नहीं
टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर में वीरानी दिख रही पर्यटक नहीं

अभिषेक सेठी, डंगार (बिलासपुर)

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उखली में सरकारी उपेक्षा के शिकार हुए टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर के आलीशान भवन के गुलजार होने की उम्मीद एक बार फिर जाती रही है। करीब छह माह पर्यटन विभाग की ओर से बनाए गए इस सेंटर को लीज पर देने के बावजूद अनुबंधकर्ता ने इसका अधिग्रहण करने से साफ इंकार कर दिया है। ठेकेदार का कहना है कि सेंटर के भवन और इसके साथ बनाई गई ढांचात्मक सुविधाएं बेहद बुरी तरह स्थिति में है। पर्यटन विभाग पहले इनकी मरम्मत करके इन्हें प्रयोग के लायक बनाए। अन्यथा वह इसे अधिग्रहण में नहीं लेगा।

विभाग की शिमला स्थित एचपीटीडीसी की महाप्रबंधक आपरेंशन्ज सरला चोपड़ा का कहना है कि सरकार ने तीन ऐसे सेंटरों को मिलाकर इसे भी एक ही ठेकेदार को लीज पर दे दिया था लेकिन वह ठेकेदार कहता है कि वह इसमें काम शुरू नहीं करेगा क्योंकि इसकी मरम्मत होनी है। विभाग ने अब तक इसके लिए पैसे का इंतजाम नहीं किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने बिलासपुर व हमीरपुर जिलों की सीमा पर उखली नामक स्थान पर वर्ष 2012 में एक टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर कम वे साइड अमेनेटीज सेंटर के निर्माण के लिए 70 लाख रुपये से ज्यादा का प्रावधान किया गया था। इसके बाद अगले दो वर्षो में इसका निर्माण किया गया। दो वर्ष बाद निर्माण पूरा हो गया लेकिन सरकारी उपेक्षा का आलम देखिए कि एकदम सुनसान जगह पर नाले के भीतर तैयार कर दिए गए इस सेंटर को न तो खुद चलाया गया और न ही दूसरों को चलाने के लिए इसे चार वर्षो तक लीज पर दिया गया है। अब यह कुछ आपराधिक किस्म के लोगों की गाहे बगाहे शरणस्थली बन चुकी है। यहां पर अक्सर प्रेमी जोड़े घुमते हुए दिखाई देते हैं।

हालात ऐसे हैं कि मौके पर इस लाखों की संपत्ति की कोई देखभाल नहीं होने के कारण अज्ञात लोगों ने काफी ज्यादा तोड़फोड़ कर दी है। मौके पर पर्यटकों के लिए सृजित सुविधाओं में जंग लग गया है। यहां तक कि जो स्वि¨मग पूल बनाया गया है, वहां पर अब गंदा नाला बह रहा है।

खिड़कियों और दरवाजों की तोड़ा गया है। चार वर्षों तक यह भवन वीरान बना हुआ है। यहां पर पर्यटकों से बहार लाने की कवायद में पिछले वर्ष पर्यटन विभाग के निर्माण सेल से जुड़े हुए एक अधिकारी ने आपरेशंज सेल को लेटर लिखा था कि इसे अगर विभाग खुद चलाने में सक्षम नहीं है तो इसे लीज आउट कर दिया जाए। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद छह माह के बाद लीज आउट किया गया। इस सेंटर को शिमला के किसी ठेकेदार को लीज आउट किया गया लेकिन उसने जुखाला व सराहन का कब्जा तो ले लिया लेकिन उखली वाले के लिए मना कर दिया है। उनका कहना है कि सरकार पहले यहां पर पांच से दस लाख रुपये खर्च करे और इसकी दशा सुधारकर दे। तभी वह इसे अपने कब्जे में लेकर इस पर काम शुरू करेगा। यही वजह है कि इस सेंटर पर फिर से रौनक शुरू होने की आशा खत्म होती दिख रही है।


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