निजी बसों का टोकन टैक्स किया जाए माफ
संवाद सहयोगी घुमारवीं जिला निजी बस आपरेटर यूनियन के प्रधान राजेश पटियाल ने कहा कि कोर
संवाद सहयोगी, घुमारवीं : जिला निजी बस आपरेटर यूनियन के प्रधान राजेश पटियाल ने कहा कि कोरोना काल में बिलासपुर जिले के निजी बस आपरेटर बेहाल हैं। सवारियां न मिलने से डीजल का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है, अगर हालात यही रहे तो बसें बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हिमाचल में निजी आपरेटरों की 3100 बसें हैं। इनमें से बिलासपुर जिले की 305 निजी बसें हैं। इनमें से सिर्फ 40 फीसद बसें ही चल पा रही हैं। जबकि अन्य बसें छह महीनों से खड़ी हैं।
बसों की पासिग व इंश्योरेंस तक खत्म हो चुकी है। लेकिन बस मालिकों के पास पैसे नहीं है। उन्होंने मांग की है कि टोकन टैक्स और एसआरटी को 31 मार्च 2021 तक माफ किया जाए। उन्होंने बताया कि सरकार उनका ग्रीन टैक्स माफ आश्वासन दे चुकी है परंतु इसके बावजूद आज तक अधिसूचना जारी नहीं हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री तथा परिवहन मंत्री से मांग की है कि अड्डा फीस बंद की जाए। जिला प्रधान राजेश पटियाल ने बताया कि कई आपरेटर बसें छोड़कर गांवों में दिहाड़ी लगाने को मजबूर हो गए हैं। इस कारोबार को सबसे बड़ी चपत निजी गाड़ियों वाले लगा रहे है जो इन्हें टैक्सी के रूप में प्रयोग कर रहे है। कोरोना काल में नियमित चेकिग न होने की वजह से अब ये धंधा अवैध रूप से फल फूल रहा है। इस कारण उनको व सरकार को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सरकार ने चार महीने पहले वर्किंग कैपिटल के तहत हर बस मालिक को दो लाख रुपये चार साल तक कम ब्याज पर सहायता के रूप में देने का वादा किया था वे पैसा आज तक नहीं मिला।