Himachal Pradesh News: खनन से 62 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित, बिलासपुर पर गहराया संकट
Himachal Pradesh News बिलासपुर में खनन से 62 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई है। अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न इलाकों से पानी की कमी की खबरें आने लगी हैं। निवासियों को डर है कि आने वाले गर्मी के महीनों के दौरान उन्हें इसका सामना करना पड़ सकता है।
बिलासपुर, पीटीआई: बिलासपुर जिले में कुल 278 पेयजल आपूर्ति योजनाओं में से 62 योजनाएं क्षेत्र में कानूनी और अवैध खनन गतिविधियों के कारण प्रभावित हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न इलाकों से पानी की कमी की खबरें आने लगी हैं। जिले में खनन गतिविधियों के कारण छोटे कुओं में पानी का स्तर लगभग डेढ़ मीटर तक चला गया है और निवासियों को डर है कि आने वाले गर्मी के महीनों के दौरान उन्हें इसका सामना करना पड़ सकता है।
डीपीआर भेजा गया उच्च अधिकारियों को
यहां के जल शक्ति विभाग ने चेकडैम बनाकर जल स्तर बहाल करने पर एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है और इसे उच्च अधिकारियों को भेजा है। प्रस्ताव को उपायुक्त बिलासपुर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदित कर राज्य स्तरीय समिति को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार की मंजूरी मिलते ही प्रस्ताव को जल जीवन मिशन को फंडिंग के लिए भेजा जाएगा।
पानी का स्तर जा रहा नीचे- अधिकारी
जलापूर्ति योजना के तहत 'खुद' और नदी घाटों से पानी उठाकर छोटे कुओं में जमा किया जाता है। फिर इसे ट्रीट कर पाइप के जरिए सप्लाई किया जाता है। अधिकारियों ने कहा कि पानी का स्तर नीचे जा रहा है, पाइप पानी नहीं उठा पा रहे हैं, जिससे आपूर्ति प्रभावित हो रही है।
जिले में 278 पेयजल योजनाएं व 76 सिंचाई योजनाएं संचालित हैं। जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार शर्मा ने शनिवार को बताया कि बिलासपुर जिले में सीर खड्ड के अलावा शुक्रा और सरहयाली सहित अन्य सहायक खड्ड हैं, जिनके माध्यम से पेयजल योजनाएं चलाई जा रही हैं।
जाहू से बालगढ़ के बीच करीब 62 योजनाएं प्रभावित
अधिकारियों ने बताया कि झंडूता प्रखंड के जाहू से बालगढ़ के बीच करीब 62 योजनाएं प्रभावित हुई हैं। जाहू से बालागढ़ तक जल शक्ति विभाग द्वारा की गई जांच में पता चला कि पानी का स्तर डेढ़ मीटर नीचे चला गया है, जिससे सरकारी एजेंसियों को जरूरत पूरी करने के लिए कुछ अन्य जगहों पर पंप लगाने पड़े हैं।
अधिकारियों ने कहा कि स्थिति और खराब हो सकती है और अगर इस बार बारिश नहीं हुई तो पानी के टैंकरों की आवश्यकता होगी। विभाग ने जिले में अवैध खनन गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की है।