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शहर के विकास को 57.65 करोड़ मंजूर

जागरण संवाददाता, शिमला : स्टेट लेवल टेक्नीकल कमेटी की बैठक बुधवार को हुई। इसमें शहर

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Dec 2017 09:56 PM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 09:56 PM (IST)
शहर के विकास को 57.65 करोड़ मंजूर

जागरण संवाददाता, शिमला : स्टेट लेवल टेक्नीकल कमेटी की बैठक बुधवार को हुई। इसमें शहर के विकास के लिए अमृत योजना के तहत 57.65 करोड़ रुपये को मंजूरी मिली है। कमेटी ने सबसे अधिक राशि तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के लिए स्वीकृत की है। इसके लिए 41.1 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ट्रीटमेंट प्लाटों के अपग्रेडेशन के साथ आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा कमेटी ने पार्क, सड़कों, रास्तों के लिए छह करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इससे सड़कों की दशा सुधरने के साथ पार्को की सुविधा मिलेगी।

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अमृत योजना के तहत 2017-18 के लिए अभी तक 88 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है। इससे पहले हुई एसएलटीसी की बैठक में शिमला शहर के विकास के लिए करीब 37 करोड़ के प्रोजेक्टों को मंजूरी प्रदान की गई है। इसमें से अधिकतर प्रोजेक्टों के टेंडर भी किए जा चुके हैं। अमृत मिशन के नोडल ऑफिसर धर्मेद्र गिल ने बताया कि अमृत मिशन के लिए कई डीपीआर एसएलटीसी के समक्ष मंजूरी के लिए रखे गए थे।

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शहर में बनेंगे तीन फुट ओवरब्रिज

शहर में जल्द खलीनी, टूटीकंडी व हिमलैंड में फुट ओवरब्रिज बनेंगे। इन तीनों स्थानों पर वाहनों की आवाजाही काफी अधिक है। इस कारण लोगों को सड़क पार करने में दिक्कत आती है। ऐसे में नए फुट ब्रिज बनने से जनता को काफी राहत मिलेगी।

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टुटू, इंजनघर व संजौली में 24 घंटे पानी

11 करोड़ टूटु, इंजनघर और संजौली में पानी की पाइपों की कनेक्टिविटी के लिए मिलेंगे। अभी केवल संजौली में ही हर रोज पानी आपूर्ति हो रही है, जबकि टुटू और इंजनघर में एक दिन छोड़कर पानी की आपूर्ति आ रही है, लेकिन अब नई पाइपें बिछने से तीनों वार्डो में 24 घंटे पानी की आपूर्ति हो पाएगी।

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अपग्रेड होंगे एसटीपी प्लांट

शहर के ढली, मल्याणा, लालपानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की क्षमता 2016 की आबादी के मुताबिक थी, लेकिन अब इन्हें 2035 की दृष्टि से अपग्रेड किया जाएगा। आधुनिक मशीनों से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अपग्रेड होंगे। इनसे निकलने वाले पानी से अब लोगों को बीमारियों के होने का खतरा नहीं रहेगा। नगर निगम दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट ढली और मल्याणा को एसबीआर टेक्नोलॉजी के तहत अपग्रेड करेगा। इसके तहत ट्रीटमेंट प्लांटों से निकलने वाले पानी में बीओडी की मात्रा 30 एमजी के मुकाबले केवल 10 एमजी होगी जो तय मानकों में ही होगी। पूरे देश में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर बेहद प्रसिद्ध एसबीआर टेक्नोलॉजी को पहली बार ढली व मल्याणा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में प्रयोग में लाया जाएगा। इसमें सिस्टम स्वयं जाच के नमूने भरकर उसे इंटरनेट के माध्यम से प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, आइपीएच विभाग और नगर निगम को मिल सकेंगे।

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2035 के हिसाब से अपग्रेड होगा ढली सीवरेज प्लांट

ढली सीवरेज प्लांट को 2006 में .76 एमएलडी क्षमता के हिसाब से डिजाइन किया गया था। इस प्लाट को विभाग ने 2016 तक के लिए डिजाइन किया था। प्लाट की इंस्टाल कैपेसिटी पिछले साल ही खत्म हो चुकी थी। वहीं बरसात के दिनों में इस ट्रीटमेंट प्लाट में रोजाना 1.3 एमएलडी तक सीवरेज रोजाना ट्रीट होने के लिए रहा था जोकि इसकी क्षमता से बेहद अधिक था। अब इस ट्रीटमेंट प्लाट को 2035 तक अपग्रेड किया जा रहा है।

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10.35 करोड़ से मल्याणा एसटीपी होगा अपग्रेड

मल्याणा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट को भी 2006 में 10 साल के लिए डिजाइन किया गया था। इसमें रोजाना 3.21 एमएलडी सीवरेज को ट्रीट किया जा रहा था। ये वही ीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट है जोकि 2016 में फैले पीलिया के लिए मुख्य कारण बना था। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट को अब 10 करोड़ 35 लाख से 6.50 एमएलडी तक आधुनिक तरीके से डिजाइन किया जाएगा। इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट को भी 2035 तक की आबादी के हिसाब से डिजाइन किया जाएगा।


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