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जिला परिषद का अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का पद बना चुनौती

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By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 06:45 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 06:45 PM (IST)
जिला परिषद का अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का पद बना चुनौती
जिला परिषद का अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का पद बना चुनौती

जागरण संवाददाता, बिलासपुर : जिला बिलासपुर में जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पदों पर न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस के सामने भी अपने अपने दलों से संबंधित लोगों को बिठाए जाने की बड़ी चुनौती है। दोनों ही पार्टियों के लिए अब बरमाणा व जेजवीं से जीतकर आए हुए मुस्कान कपूर व राजकुमार ठाकुर को किसी तरह से अपने साथ जोड़ना होगा। भाजपा को इस चुनौती से निपटना इसलिए इतना महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर जिला परिषद में दोनों पदों पर कांग्रेस कब्जा करती है तो भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के जिले में कांग्रेस के पंचायतीराज के महत्वपूर्ण हिस्से पर काबिज होने की इस कामयाबी का संदेश स्थानीय नेताओं की कमजोरियों को भी उजागर करेगा। मुस्कान ने तो पिछले कल ही करणी सेना के माध्यम से स्पष्ट कर दिया था कि वह अभी किसी भी पार्टी के साथ नहीं जा रही हैं लेकिन राजकुमार ठाकुर ने कांग्रेस की पृष्ठभूमि से होते हुए भी जीतने के बाद पूर्व मंत्री स्व रिखी राम कौंडल के बेटे राजकुमार कौंडल के घर जाकर उनके साथ मंत्रणा कर अचंभे में डाल दिया। राजकुमार के इस कदम से एकाएक अब इस मामले में गठजोड़ में जुटे भाजपा व कांग्रेस के नेताओं का ध्यान रिखीराम कौंडल के बेटे राजकुमार कौंडल व राजकुमार ठाकुर के बीच के गहरे रिश्तों पर भी आ टिका है।

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कांग्रेस के पास वर्तमान में जिला परिषद में उसके घोषित उम्मीदवारों में से सिर्फ तीन ही जीते हैं। इनमें बरठीं से शालू रणौत, झंडूता से प्रोमिला वासु व कोटखास से पूजा रानी है। इसके अलावा कांग्रेस के बागियों में गौरव शर्मा, आइडी शर्मा, बेली राम टैगोर, राजकुमार के नाम शामिल हैं। अभी तक कांग्रेस के बागियों ने भी यह तय नहीं किया है कि वे कांग्रेस के साथ जाएंगे भी या नहीं। हालांकि कांग्रेस ने इनका साथ होने का दावा करते हुए जिला परिषद पर काबिज होने का दावा किया है। लेकिन राजकुमार ने कांग्रेस इस दावे से हटकर भाजपा के ही नेता एवं हाल ही में घराण पंचायत का चुनाव जीतने वाले पूर्व मंत्री स्व रिखी राम कौंडल के बेटे के साथ जीतने के तुरंत बाद मुलाकात की और मंत्रणा भी की। ऐसे में अंदेशा है कि राजकुमार ठाकुर व कौंडल के रिश्ते कहीं न कहीं इस सारे प्रकरण में नए समीकरण बना सकते हैं।

राजकुमार ठाकुर का कहना है कि वह कांग्रेस की पृष्ठभूमि से हैं लेकिन साथ में यह भी कहा कि उन्हें भाजपा के साथ जाना है या कांग्रेस के साथ जाना है इस बात को वह नहीं बल्कि उन्हें चुनाव लड़वाने वाले लोग तथा उन्हें वोट देने वाली जनता तय करेगी। अगर उन्हें पद मिलेगा तो उन्हें यह लेना या नहीं यह भी उनके हलके की जनता व उनके करीबी लोग तय करेंगे।

सूत्र बताते हैं कि भाजपा पर भी जिला परिषद अपने हक की बनाने का पूरा दबाव है और पार्टी ने न केबल मुस्कान व बल्कि राजकुमार के साथ भी संपर्क किया है। इसके लिए पूर्व विधायक रणधीर शर्मा सक्रिय हैं। भाजपा कांग्रेस के बागियों के संपर्क में भी है। इन्हें भी उपाध्यक्ष पद दिए जाने की बातचीत चल रही है लेकिन कुल मिलाकर मुस्कान व राजकुमार ठाकुर फिलहाल निर्णायक स्थिति में उभरे हैं।


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