नंद बैहल औद्योगिक क्षेत्र को पंचायत से नहीं मिली एनओसी
जागरण संवाददाता बिलासपुर ग्वालथाई बिलासपुर के बाद जिले में औद्योगिक विस्तार की दिशा में
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : ग्वालथाई, बिलासपुर के बाद जिले में औद्योगिक विस्तार की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास को झटका लगा है। पंजाब के साथ लगते इलाके नंद बैहल में नई औद्योगिक बस्ती बसाने के लिए वहां की पंचायत अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के लिए तैयार नहीं है। वह कई माह से अपनी जिद पर अड़ी है। अब आखिरी उम्मीद यह है कि अगर आगामी दिनों में पंचायत चुनाव में मौजूदा प्रतिनिधियों की जगह कोई और चुने जाते हैं तो कोई हल निकलने की उम्मीद जग सकती है।
उद्योग विभाग के सहायक प्रबंधक राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि अगर इस मामले में पंचायत की ओर से अडं़गा नहीं लगाया जाता तो अब तक यह नई औद्योगिक बस्ती बसने के अंतिम चरण में पहुंच चुकी होती और यहां पर बड़ी कंपनियां अपनी औद्योगिक इकाईयां स्थापित कर रही होतीं।
राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि बिलासपुर जिले में जिला मुख्यालय पर एक औद्योगिक क्षेत्र है। इसके अलावा पंजाब व हिमाचल की सीमा पर ग्वालथाई क्षेत्र में बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। घुमारवीं व झंडूता विधानसभा हलकों में भी नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। यहां के मामले देहरादून स्थित फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में एफसीए के तहत मंजूरी के लिए दोबारा भेजे गए हैं। संस्थान की ओर से कुछ आपत्तियां दोनों ही मामलों में लगाई गई थीं लेकिन इन्हें उद्योग विभाग की ओर से दूर कर दोबारा से मंजूरी के लिए फाइलें भेज दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जिले के सीमाई क्षेत्र नंद बैहल में कुल 75 बीघा जमीन को चिह्नित करके विभाग की ओर से औद्योगिक क्षेत्र तय किया गया था। इसके लिए बाकी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थीं लेकिन जब विभाग ने पंचायत से एनओसी मांगी तो पंचायत के प्रतिनिधियों में ही इस मामले में विवाद हो गया। इस विवाद में अब तक अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिल पाया है।