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छठे दिन 17 हजार भक्तों ने लगाई मां के द्वार हाजिरी

संवाद सहयोगी श्रीनयना देवी विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्रीनयनादेवी मंदिर में मंगलवार को शारदीय नवरात्र के दिन 17 भक्तों ने माथा टेका।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 06:20 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 06:20 PM (IST)
छठे दिन 17 हजार भक्तों ने लगाई मां के द्वार हाजिरी

संवाद सहयोगी, श्रीनयना देवी : विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्रीनयनादेवी मंदिर में मंगलवार को शारदीय नवरात्र के छठे दिन काफी भीड़ देखने को मिली। लंबी कतारों में लगकर श्रद्धालुओं ने मां की पावन पिडी के दर्शन किए। इस दौरान मंदिर परिसर माता के जयकारों से गूंज उठा। मेला अधिकारी व अध्यक्ष मंदिर न्यास श्रीनयनादेवी जी योगेश कुमार ने बताया कि नवरात्र के दौरान प्रथम छह दिन में लगभग 92 हजार श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं मंगलवार के दिन 17 हजार श्रद्धालुओं ने माथा टेका।

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साथ ही प्रथम चार नवरात्र में श्रद्धालुओं ने माताजी के मंदिर में लगभग 47 लाख रुपये नकद, 85 ग्राम सोना तथा आठ किलो 145 ग्राम चांदी चढ़ाई। उन्होंने कहा कि नवरात्रों के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा जो भी व्यवस्था की गई थी वह काफी संतोषजनक रही।

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कोविड-19 नियमों का हो रहा पालन

साथ ही कोविड-19 महामारी के चलते श्रद्धालुओं के लिए लंगर व धर्मशाला सरकार के निर्देश के अनुसार बंद किए गए हैं। मंदिर में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की थर्मल स्केनिग की जा रही है व सैनिटाइजर तथा मास्क का प्रयोग भी अनिवार्य किया है। इसके उपरांत ही श्रद्धालुओं को माताजी के मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। सरकार के निर्देश अनुसार हिमाचल व पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र कोलां वाला टोबा में श्रद्धालुओं कि डबल वैक्सीन डोज का प्रमाणपत्र या कोविड-19 की 72 घंटे भीतर की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाकर ही आगे आने की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी श्रद्धालु में अगर कोई भी ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो उसका वहीं पर कोविड-19 रैट टेस्ट करके उसके बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।

योगेश कुमार ने बताया कि मंदिर की पूर्व दिशा की ओर श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद व माताजी की चुनरिया पहाड़ी के नीचे फेंक दी जाती हैं जिसे हमने मंदिर के सफाई कर्मचारियों द्वारा साफ करवा दिया गया है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके यह निर्देश दिए हैं कि कूड़ा ना फेंकने के लिए यहां पर विभाग की ओर से संकेत बोर्ड चेतावनी सहित लगाए जाएं।


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