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बिलासपुर में कांग्रेस-भाजपा को सबक, घुमारवीं में भाजपा पर कलह भारी

राजेश्वर ठाकुर बिलासपुर जिला बिलासपुर में बेशक दो नगर परिषदों व एक नगर पंचायत में भाज

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 10:38 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 10:38 PM (IST)
बिलासपुर में कांग्रेस-भाजपा को सबक, घुमारवीं में भाजपा पर कलह भारी
बिलासपुर में कांग्रेस-भाजपा को सबक, घुमारवीं में भाजपा पर कलह भारी

राजेश्वर ठाकुर, बिलासपुर

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जिला बिलासपुर में बेशक दो नगर परिषदों व एक नगर पंचायत में भाजपा ने कब्जा कर लिया और घुमारवीं नगर परिषद में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है लेकिन इस जीत हार ने बिलासपुर व घुमारवीं दोनों ही क्षेत्रों के विधायकों व कांग्रेस नेताओं को एक सीधा संदेश भी दे दिया है। बिलासपुर में कांग्रेस को यह कि संगठन से जब जनता में जाने माने वाले नेताओं को बाहर करके फिसड्डी हाथों में पार्टी की कमान दे दी जाती है तो हार के अलावा हालात दूसरे नहीं बन पाते हैं। सिर्फ यही नहीं कांग्रेस को यह भी एक संदेश गया कि सामाजिक तौर पर श्रेष्ठ छवि रखने वाले नेताओं को जनता हारने भी नहीं देती है और ऐसे ही लोग आइंदा भी पार्टी की लाज बचाने और साख बढाने के लिए जरूरी हैं न कि ऐसे पक्ष जिन्हें समाज उनकी कार्यशैली व आपत्तिजनक आचरण के कारण पसंद नहीं करता है। कांग्रेस में मनोज पिल्लई व नवीन ठाकुर दोनों इसके उदाहरण हैं।

भाजपा को ही बिलासपुर नगर परिषद में सत्ता हासिल होने के बावजूद एक पक्ष के लिए यह भी संदेश उभरा है कि सत्ता में रहते हुए आम लोगों से संवाद बनाए रखने की कमजोरियों को जनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करती है। भाजपा के ही विधायक सुभाष ठाकुर पूरी पार्टी की तमाम पुरजोर कोशिशों के बावजूद अपने खास नेता आशीष ढिल्लों को जीता पाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। ढिल्लों को मामूली नहीं बल्कि बड़ी हार झेलनी पड़ी है।

घुमारवीं नगर परिषद क्षेत्र में भाजपा अगर मिलकर चुनाव लड़ती तो आज यह हाल नहीं होता। यहां भाजपा के ही नेता राकेश चोपड़ा व विधायक एवं मंत्री राजेंद्र गर्ग के बीच इस सतर पर अहम की लड़ाई हुई कि इस जंग में चोपड़ा हालांकि अपना नुकसान करवाकर भी बेटी को जीताकर फायदे में चले गए लेकिन मंत्री राजिंद्र गर्ग ने एक तो नगर परिषद में कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचने का रास्ता अपने हाथ से बना दिया और दूसरे वह चोपड़ा से भी सीधी राजनीतिक जंग में इसलिए हारे माने जा रहे हैं क्योंकि चोपड़ा की बेटी के खिलाफ जिस निधि शर्मा को वार्ड तीन से गर्ग खुद नामांकन करवाकर आए थे, वह भी चुनावी रण में हार गई है।

कुल मिलाकर राजिंद्र गर्ग की नगर परिषद में चली गई तमाम सियासी चालों से उनका व पार्टी दोनों का नुक्सान हुआ है।


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