कारगिल शहीद दिवस: गोलियां खत्म हुई तो बंकर में घुस के मारा
परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार चार व पांच जुलाई को कारगिल में मस्को वैली प्वाइंट 4875 पर फ्लैट टाप पर 11 साथियों के साथ तैनात थे।
बिलासपुर, सुरेंद्र शर्मा। कारगिल युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देकर दुश्मन के बंकर को ध्वस्त कर उन्हें मौत के घाट उतारने वाले परमवीर चक्र विजेता राइफलमैन संजय कुमार नायब सूबेदार के पद पर पदोन्नत हो गए हैं। झंडूता उपमंडल के पिछड़ा क्षेत्र कोटधार की कलोल पंचायत के बकैण निवासी संजय कुमार अभी देहरादून में तैनात हैं।
परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार चार व पांच जुलाई को कारगिल में मस्को वैली प्वाइंट 4875 पर फ्लैट टाप पर 11 साथियों के साथ तैनात थे। यहां दुश्मन पहाड़ी से हमला कर रहा था। टीम के 11 साथियों में से दो शहीद हो चुके थे, जबकि आठ गंभीर रूप से घायल थे। संजय अपनी राइफल के साथ दुश्मनों को करार जवाब दे रहे थे, लेकिन एक समय ऐसा आया कि उनकी गोलियां खत्म हो गई। इस बीच उनको भी तीन गोलियां लगी। दो टांग और एक पीठ में लगी। संजय घायल थे, लेकिन जान की परवाह किए बिना दुश्मनों के बंकर में घुसकर हाथों से ही भिड़ गए और उनकी ही राइफल छीनकर मौके पर ही तीन दुश्मनों को मार गिराया। इसके बाद टीम दूसरे मुख्य बंकर की तरफ बढ़ी और दुश्मन को भी मारकर कब्जा कर लिया।
यह चोटी बेहद अहम थी। इस बहादुरी के लिए संजय कुमार को परमवीर चक्र से नवाजा गया। प्वाइंट 4875 पर राइफलमैन संजय कुमार की बहादुरी ने भारतीय सेना को आगे बढऩे का आधार दिया। संजय की इस दिलेरी ने अन्य जवानों में नई जान फूंक दी। उनको अदम्य साहस के लिए परमवीर चक्र का सम्मान मिला। संजय द्वारा रखी गई जीत की नींव पर अन्य टीमों ने टाइगर हिल के शिखर सहित डाग हिल पर कब्जा कर लिया।
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