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भवन बनने से पहले ही कमरों व फ्लोर आवंटन पर विवाद

स्थानीय नगर में एसडीएम कार्यालय के नजदीक पिछले तीन वर्ष से प्रस्तावित क

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 03:41 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 03:41 PM (IST)
भवन बनने से पहले ही कमरों व फ्लोर आवंटन पर विवाद
भवन बनने से पहले ही कमरों व फ्लोर आवंटन पर विवाद

संवाद सहयोगी, घुमारवीं : स्थानीय नगर में एसडीएम कार्यालय के नजदीक पिछले तीन वर्ष से प्रस्तावित कल्याण विभाग व रोजगार एवं श्रम विभाग का साझा दफतर अब नहीं बन पाएगा। भवन बनने से पहले ही कमरों के आवंटन पर ऐसा विवाद हुआ कि लोक निर्माण विभाग ने अब निर्माण के लिए चिह्नित की गई जमीन पर दोनों विभागों का साझा भवन दोनों ही महकमों के अधिकारियों की ओर से दी गई फरमाइश के हिसाब से नहीं बना पाने की बात कह दी है। लोक निर्माण विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने भी अब दोनों विभागों के अफसरों को पत्र लिख दिए हैं कि अगर वे एक साथ भवन निर्माण में अब तक चिह्नित की गई जमीन पर निर्माण के लिए रूचि नहीं रखते हैं तो वे अपने अपने हिसाब से जमीन दे दें। इसके बाद ही तमाम औचारिकताओं के बाद भवन का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन मनोहर शर्मा ने कहा है कि अगर महकमे पहले से ही चिह्नित की गई जमीन पर राजी हो जाते तो विभाग कुछ भी करके यहां पर इस भवन को बना सकता है। अन्यथा नई जगह पर जमीन देखकर इस पर निर्माण कराना संभव नहीं है।

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कुछ साल पहले घुमारवीं में रोजगार कार्यालय व तहसील कल्याण अधिकारी के दफतर के लिए एक ही भवन बनाने के लिए मंजूरी हुई थी। एक करोड़ रुपये से ज्यादा राशि लगभग तीन वर्ष पहले तात्कालिक सरकार की ओर से लोनिवि के खाते में डाल दी गई थी। उस समय दोनों विभागों के तात्कालिक अधिकारियों में सहमति बनती भी दिखी थी। अब सरकार बदली तो मौजूदा वक्त में एक बार फिर से इस भवन के निर्माण की कवायद लोक निर्माण विभाग ने शुरू की। इस बीच, पता चला कि एसडीएम दफतर घुमारवीं के नजदीक ही प्रस्तावित इस जमीन पर भवन बनने से पहले ही कमरों और हिस्सों के बंटवारे को लेकर यह विवाद पैदा हो गया कि कौन सा विभाग प्रथम तल लेगा और कौन सा दूसरा। दोनों ही महकमों के अधिकारी ग्राउंड फलोर लेने पर अड़ गए। इससे लोनिवि की ओर से अपेक्षित कई औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पाईं। अब लोनिवि ने दोनों विभागों के बीच असहमति होने के कारण इस भवन का निर्माण मौजूदा साइट के हिसाब से स्थगित कर दिया है, जिससे वर्षों से नए भवन के इंतजार में बैठे हुए दोनों विभागों के कर्मचारियों को नाउम्मीद ही हाथ लगी है।


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