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नयनादेवी पेड़ कटान:7000 पेड़ों पर चली माफिया की कुल्हाड़ी

पहली एफआइआर सलोआ बीट में मिले हजारों पेड़ों के कटान को लेकर हुई। इस मामले में विजिलेंस की जांच आगे बढ़ रही है।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 11:16 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 11:16 AM (IST)
नयनादेवी पेड़ कटान:7000 पेड़ों पर चली माफिया की कुल्हाड़ी
नयनादेवी पेड़ कटान:7000 पेड़ों पर चली माफिया की कुल्हाड़ी

बिलासपुर, राजेश्वर ठाकुर। नयनादेवी हलके की चारों बीटों में अवैध कटान की जांच रिपोर्ट में सनसनीखेज

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खुलासा हुआ है। वन विभाग व विजिलेंस की साझा टीम की जांच के अनुसार सुनियोजित तरीके से करोड़ों रुपये के हरे भरे पेड़ों को काटकर दूसरे राज्यों में बेच दिया गया। रिपोर्ट में नयनादेवी हलके की चारों बीटों में कटने वाले पेड़ों की तादाद सात हजार बताई गई है। विजिलेंस के पास इस मामले से जुड़े नए तथ्यों की फाइल पहुंचने के बाद जांच में कई नामी ठेकेदार और यहां तैनात रहे कई बड़े अधिकारी लपेटे में आ सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक नयनादेवी क्षेत्र के तहत आने वाले सलोआ, बस्सी, भाखडा, कोट, बडोह आदि बीटों से पूर्व सरकार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि से हरे पेड़ों के कटान की शिकायतें आई थी। इस संबंध में पूर्व सरकार के कार्यकाल में ही जांच शुरू की गई लेकिन तात्कालीन सरकार के बड़े आहेदेदारों व महकमे के ही कुछ अफसरों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और पर्दा डालने के प्रयास किए जाते रहे। बाद में किसी व्यक्ति ने इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को कर दी थी। राज्य में सरकार बदलने पर इसकी

जांच के आदेश दिए गए। आइजी स्तर के अधिकारी भी मौके पर आए। उन्होंने नयनादेवी हलके में संबंधित बीटों में जाकर जांच की। जांच के बाद विजिलेंस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज की।

पहली एफआइआर सलोआ बीट में मिले हजारों पेड़ों के कटान को लेकर हुई। इस मामले में विजिलेंस की जांच आगे बढ़ रही है। पिछले दिनों विजिलेंस ने ऊना स्वारघाट, नयनादेवी, दयोथ व बिलासपुर जिले के दूसरे हिस्सों में दबिश देकर नाकों, लकड़ी के डिपुओं में अलगअलग उपकरण व डायरियां बरामद की। सूत्र बताते हैं कि नयनादेवी हलके की शेष चार बीटों बस्सी, भाखड़ा, कोट व बडोह में विजिलेंस और वन विभाग की साझा टीम ने मौके पर जांच की थी। रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए यह वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों के पास पिछले कुछ माह पड़ी थी। रिपोर्ट में चारों बीटों में सात हजार पेड़ कटने का खुलासा हुआ है। इस अवैध कटाने से राज्य सरकार को

करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है और वन माफिया ने हरियाली का भी बड़े पैमाने पर नुकसान किया है। सूत्र बताते हैं कि इन बीटों में हुए कटान की जांच भी पहले से ही दर्ज एफआइआर में ही समाहित होगी। 

मिल गई जांच रिपोर्ट

एसपी विजिलेंस डॉ. डीके चौधरी ने बताया कि नयनादेवी क्षेत्र में पेड़ कटान मामले की रिपोर्ट का लंबे समय से इंतजार था। यह विजिलेंस को मिल गई है। इसका अध्ययन किया जा रहा है। इससे ज्यादा वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।


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