पहले दिन बसों में सवार हुए इक्का-दुक्का यात्री
बिलासपुर जिला में पहली जून से एचआरटीसी बसों की पहियों ने तो रफ्तार पकड़ ली लेकिन निजी बसों के पहिये थमे रहे। हालांकि इस दौरान दूसरे जिलों से आने वाली निजी बसें तो बस अड्डे पहुंची लेकिन बिलासपुर जिला की कोई भी बस नहीं चली। बिलासपुर में 66 दिन बाद बसे चलने के बावजूद बस अड्डों पर अधिक भीड़ नहीं दिखाई दी। बसों में दूसरे जिलों से आने वाली बसों में यात्रियों की काफी संख्या दिखाई दी लेकिन बिलासपुर और घुमारवीं से चलने वाली स्थानीय बसों में सवारियां नाममात्र ही दिखाई
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : बिलासपुर जिला में पहली जून से एचआरटीसी बसों की पहियों ने तो रफ्तार पकड़ ली लेकिन निजी बसों के पहिए थमे रहे। हालांकि इस दौरान दूसरे जिलों से आने वाली निजी बसें तो बस अड्डे पहुंची लेकिन बिलासपुर जिला की कोई भी बस नहीं चली। बिलासपुर में 68 दिन बाद बसें चलने के बावजूद बस अड्डों पर अधिक भीड़ नहीं दिखाई दी। बसों में दूसरे जिलों से आने वाली बसों में यात्रियों की काफी संख्या दिखाई दी लेकिन बिलासपुर और घुमारवीं से चलने वाली स्थानीय बसों में सवारियां नाममात्र ही दिखाई दी। करीब 30 रूट पर बसें दौड़ती हुई दिखाई दी। बिलासपुर में पहले दिन बसों में दो से दस सवारियां बैठी दिखाई दी। इस दौरान कंडक्टर केवल ही स्थान पर बैठा रहा तथा यात्रियों को ही टिकट लेने के लिए अपनी सीट छोड़कर आना पड़ा। सावधानी के तौर पर बसों में केवल अड्डे पर सवारियां बैठाई जा रही थी तथा रास्ते में सवारियों को नहीं बैठाया जा रहा था। बसों के अड्डे पर आने के बाद सैनेटाइज किया जा रहा है। पहला दिन होने के कारण लोगों में यात्रा को लेकर अधिक उत्साह नहीं दिखाई दिया। बिलासपुर बस अड्डे पर लोगों को मास्क व सैनेटाइजर उपलब्ध करवाने के लिए स्टॉल भी लगाया गया था। हालांकि यह व्यवस्था घुमारवीं बस स्टैंड पर दिखाई नहीं दी। इस दौरान केवल वही लोग बाहर निकले जो आफिस जाना चाहते थे या फिर किसी जरूरी काम के लिए जा रहे थे। आरएम बिलासपुर महेंद्र सिंह ने बताया कि बिलासपुर में 30 रूट पर बस सुविधा शुरू की गई है। बॉक्स वहीं निजी बस संचालकों में से कुछ ने बसों को चलाने की हामी भर दी है जिसमें बरठीं से शिमला, बरठीं से करलोटी, घुमारवीं से बरठीं, झंडूता रूटों पर बसें चलेंगी।