जंगलों में आग लगने से लाखों की वन संपदा राख
बिलासपुर : जिला बिलासपुर में जगह-जगह जंगलों में आग लगने से लाखों की वन संपदा राख हो गई।
जागरण टीम, बिलासपुर : जिला बिलासपुर में जगह-जगह जंगलों में आग लगने से लाखों की वन संपदा राख हो चुकी है लेकिन, आग लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
गत मंगलवार को बिलासपुर के लखनपुर, बंदला, कोठीपुरा, पंजगाई, हरनोड़ा व कंदरौर सहित कई जंगलों में आग लगने से वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। इनमें कुछ जंगली जानवरों के भी आग की चपेट में आने की सूचना है, लेकिन अभी तक इसका आंकड़ा नहीं जुटाया जा सका है।
वहीं, समोह के जंगल में भी भयंकर आग लगने से काफी जंगल जलकर राख हो गया। भयानक आग पर काबू करने में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समोह के अध्यापकों व स्वयंसेवियों सहित वन कर्मियों व ग्रामीणों ने काफी प्रयास किया। इस घटना में अनेक पेड़ पौधे व वन्य प्राणी जल गए हैं। काफी मशक्कत के बाद आगे फैलने से रोकी जा सकी। इसमें एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी कामराज सेठी, ईको क्लब प्रभारी अवनीश कुमार सहित अनिल, विजय, अजय, कार्तिक, धीरज, दीपक, नितिन, विकास, अभिषेक, अनीश तथा वन विभाग के कर्मचारियों संग निक्कू राम, मंशा राम व श्याम सोनी आदि ग्रामीणों ने सहयोग किया।
वहीं, विधानसभा क्षेत्र झंडूत्ता की ग्राम पंचायत डमली के गांव धराड़सनी का 75 वर्षीय कर्म चंद पुत्र मकोडू राम उस समय गंभीर घायल हो गए, जब जंगल करगाल में लगी आग उनके मकान के नजदीक पहुंच गई। घायल बुजुर्ग को उपचार के लिए सिविल अस्पताल घुमारवीं पहुंचाया गया। कर्म चंद की पत्नी सुरेंद्र कौर ने बताया कि वह बुधवार दोपहर को अपने घर में आराम कर रहे थे तभी उन्हें बाहर आवाजें सुनाई दी। जैसे ही वह घर से बाहर निकली तो जंगल में लगी आग उसके मकान के पास पहुंच गई थी। वहां ग्रामीण भी इकट्ठे हो गए तथा उनके पति कर्मचंद आग बुझाने लग गए। इतने में आग की लपटों से झुलस गए। इस दौरान वन परिक्षेत्र अधिकारी झंडूत्ता ब्रह्मानंद ने मौके पर घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने अपनी ओर से कर्म चंद का राहत राशि प्रदान की है। उधर, प्राथमिक उपचार के बाद घायल कर्म चंद को घर भेज दिया गया।
वहीं, ग्राम पंचायत डमली के प्रधान प्रेमलाल चौधरी ने सरकार व प्रशासन से मांग की कि पीड़ित परिवार अति निर्धन व विस्थापित परिवार है। ऐसे में उसे सरकार द्वारा तत्काल उचित आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाए।