मुख्यमंत्री का दौरा सरकारी नहीं बल्कि चुनावी रैली : धर्माणी
संवाद सहयोगी बिलासपुर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं घुमारवीं के पूर्व विधायक र
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं घुमारवीं के पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रतिबंध के बावजूद भराड़ी स्कूल में गत पांच नवंबर को मुख्यमंत्री की विशाल जनसभा आयोजित की गई। जो नियमों का सरेआम उल्लंघन है। इससे यह लगता है कि यह जनसभा विकास कार्यों की अपेक्षा चुनावी रैली ही साबित हुई। इस दौरान जिन योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन किए गए, उनमें से अधिकांश योजनाएं पूर्व कांग्रेस सरकार के समय तैयार हुई थी। इस कार्यक्रम का आयोजन इन योजनाओं पर पर्दा डालने के लिए ही किया गया था। धर्माणी शुक्रवार को बिलासपुर के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में घुमारवीं चुनाव क्षेत्र को गर्मियों में पीने के पानी की दिक्कत को दूर करने के लिए ब्यास नदी पर आधारित 137 करोड़ की योजना की डीपीआर तैयार करवाई थी। जिसे पूर्व प्रदेश सरकार के माध्यम से दो प्रमुख एजेंसियों ब्रिकस व जायका को मंजूरी के लिए भेजा गया था। यह मंजूर भी हो गई थी लेकिन दो माह ही प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया। नई सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। बल्कि घुमारवीं चुनाव क्षेत्र के वर्तमान विधायक ने राजनीतिक श्रेय लेने की होड़ के चलते इस योजना के बदले सतलुज से पानी उठाने वाली योजना को तैयार करवाया। जबकि व्यास नदी आधारित पेयजल योजना से पूरे घुमारवीं चुनाव क्षेत्र व सदर चुनाव क्षेत्र की सात ग्राम पंचायतों को भी पीने का पानी मिलना था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा सतलुज नदी से पानी उठाने वाली जिस 53.32 करोड़ पेयजल योजना का शिलान्यास किया गया है उसकी सही अनुमानित राशि 36 करोड़ है। इस मुद्दे पर क्षेत्र के भाजपा विधायक को जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान विधायक के तीन साल श्रेय लेने में ही बीत गए। राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार लोगों को विकास के नाम पर उलझाने में लगी हुई है और गुमराह कर रही है। केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारें विकास की अपेक्षा अब इलेक्शन मोड पर हैं।