11 वर्ष बाद भी नहीं मिल पाई कोल्ड स्टोर की सुविधा
सरकार खेती को लाभ का कारोबार बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित
संवाद सहयोगी, घुमारवीं : सरकार खेती को लाभ का कारोबार बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित करने तथा किसानों को आधुनिक संसाधन मुहैया करवाने के दावे तो करती है, लेकिन दावे तब खोखले नजर आते हैं जब करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी आधी अधूरी योजनाएं मुंह चिढ़ाती हैं।
ऐसा ही हाल उपमंडल घुमारवीं के दधोल में चार करोड़ 35 लाख रुपये में बनने वाले कोल्ड स्टोर का है जिसका करीब 11 साल से आधा अधूरा ढांचा तथा करोड़ों रुपये की मशीनरी धूल फांक रही है। सरकार इस पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद आंखें मूंदकर बैठी है। 2011 में तत्कालीन वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने इस कोल्ड स्टोर के लिए चार करोड़ 35 लाख रुपये की राशि मुहैया करवाई थी तथा इसको बनाने का जिम्मा भी एचपीएमसी को दिया गया था। अब 11 वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी विभाग इस कार्य को पूरा नहीं कर पाया है। अगर समय से इस कार्य को पूरा कर लिया गया होता तो क्षेत्र में जो किसान व्यापक स्तर पर ऐसी फसलों की खेती कर रहे हैं उन्हें इसका भरपूर लाभ मिल सकता था। सरकारी उपेक्षाओं के चलते उन्हें उनकी मेहनत का वाजिब फल नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि क्षेत्र में उगाई जाने वाली इन फसलों के भंडारण की सुविधा नहीं होने के कारण किसानों के सामने फसल पकने के साथ ही उसे बेचने की मजबूरी बन जाती है। इसका परिणाम यह है कि किसान को उसकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता है। सारी फसल के एक साथ बाजार में आने से मूल्य कम हो जाने के चलते उन्हें आज अपनी फसलों को कम कीमत पर बेचने को मजबूर होना पड़ता है।
क्षेत्र के किसानों में फसलों के भंडारण के लिए कोल्ड स्टोर बनाने की मांग काफी वर्षों से की जा रही थी। जिस पर कुछ समय के लिए अमल होता हुआ भी दिखा लेकिन आज करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी आधा अधूरा बना कोल्ड स्टोर किसानों का ही मुंह चिढ़ा रहा है। क्या कहते हैं पूर्व विधायक
पूर्व विधायक राजेश धर्माणी का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में इस कोल्ड स्टोर को बनाने का काम शुरू करवाया था, लेकिन सरकार बदलने से ही इस काम को बंद कर दिया गया जबकि इसका 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका था। राजनीतिक द्वेष के कारण इस पर लगाया जाने वाला बाकी पैसा बिना खर्च किए ही वापस चला गया, जबकि उन्होंने इसके लिए करसोग तथा कुल्लू में दो कलेक्शन सेंटर भी मंजूर करवाए थे। इसके बनने से लगभग पांच से छह जिलों के किसानों को लाभ मिलना था, लेकिन वर्तमान सरकार ने किसानों को इस लाभ से जानबूझकर वंचित कर दिया। जल्द ही इसका काम शुरू किया जाएगा तथा दो-तीन महीनों के अंदर ही यह कोल्ड स्टोर बनकर तैयार हो जाएगा।
-सुदेश मोख्टा, प्रबंध निदेशक एचपीएमसी