नवजात की मौत पर सीएम ने दिए जांच के आदेश
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में चिकित्सक की कथित लापरवाही से नवजात कौ मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में चिकित्सक की कथित लापरवाही से बुधवार को नवजात मौत हो गई। नॉर्मल डिलीवरी के कुछ देर बाद नवजात की तबीयत बिगड़ गई। परिजनों का आरोप है चिकित्सक व स्टाफ नर्सों ने गलत तरीके से ऑक्सीजन लगा दी थी। इससे नवजात के फेफड़ों में पानी चला गया। इसके बाद डॉक्टर ने उसे हमीरपुर अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल में लाइट नहीं थी और जेनरेट भी नहीं चला। इस कारण वार्ड में रखा वार्मर भी नहीं चल पाया। परिजन नवजात को चांदपुर कोठी स्थित निजी अस्पताल में ले गए। यहां वेंटीलेटर पर रखने के कुछ घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया। मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचने के बाद उन्होंने उपायुक्त विवेक भाटिया को जांच के आदेश दिए। उपायुक्त ने कहा उन्होंने एडीएम श्रवण मांटा को मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं। एडीएम ने कहा उन्हें न तो शिकायत मिली है और न ही उपायुक्त ने जांच के लिए कहा है।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश आहलूवालिया ने कहा उन्होंने डॉ. प्र¨वद्र ठाकुर से पूछा तो बताया बच्चे ने मां के पेट में शौच कर दी थी। इससे बच्चे के शरीर में शौच के अंश जाने से उसे मकोनियम ¨सड्रोम हो गया था। उन्होंने कहा चिकित्सक की लापरवाही नहीं है। अस्पताल में बच्चों के वेंटीलेटर नहीं था। इसलिए उसे हमीरपुर अस्पताल रेफर किया था। अस्पताल में बिजली नहीं थी और जेनरेटर भी पूरा लोड नहीं ले पा रहा था। इस कारण वार्ड में वार्मर नहीं चल रहा था।
बिलासपुर शहर के रहने वाले अमित शर्मा ने बताया उसकी पत्नी का जिला अस्पताल में सफल प्रसव हुआ था। लेकिन कुछ देर बाद नवजात बेटे की तबीयत बिगड़ गई। आरोप लगाया डॉक्टर ने इलाज में कथित लापरवाही बरती है। नर्सों को वार्मर चलाने के लिए कहा तो उन्होंने बिजली न होने की बात कही। उसने कहा दो दिन से अस्पताल में बिजली नहीं थी लेकिन इसे ठीक करवाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने कोई प्रयास नहीं किया। जेनरेटर भी काम नहीं कर रहा था। अस्पताल में वेंटीलेटर भी नहीं था। हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद चौधरी ने कुछ दिन पहले कहा था अस्पताल में सभी तरह के वेंटीलेटर उपलब्ध हैं।