औद्योगिक क्षेत्र के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस की तैयारी
बिलासपुर जिले के घुमारवीं व झंडूता विस हलकों में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के मामले उद्योग विभाग अब फॉरेस्ट क्लीयरेंस की तरफ बढने लगा है। इससे पहले दोनों स्थानों में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए दायरे में आ रहे हरे पेडों की गिनती का काम इन दिनों चल रहा है। यह काम पूरा होने के बाद ही इस मामले में वन संरक्षण अधिनियम के तहत फाइल वन विभाग को भेजी जाएगी। यह जानकारी आज उद्योग विभाग की महाप्रबंधक प्रोमिला शर्मा ने दी। शर्मा ने बताया कि लगभग एक वर्ष पहले झंडूता व घुमारवीं चुनाव क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अपने दौरों के दौरान ऐलान किया था कि दोनों ही हलकों में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जाएगी। इसके बाद से ही उद्योग विभाग व स्थानीय प्रशासन ने इन क्षेत्रों को बसाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। सबसे पहले झंडूता हलके के बरसंड में जमीन देखी गई। उन्होंने बताया कि बरसंड में जमीन से जुडी हुई तमाम औपचारिकताएं पूरी करके इसका सीमांकन भी
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : बिलासपुर जिले के घुमारवीं व झंडूता विस हलकों में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के मामले उद्योग विभाग अब फॉरेस्ट क्लीयरेंस की तरफ बढ़ने लगा है। इससे पहले दोनों स्थानों में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए दायरे में आ रहे हरे पेड़ों की गिनती का काम इन दिनों चल रहा है। यह काम पूरा होने के बाद ही इस मामले में वन संरक्षण अधिनियम के तहत फाइल वन विभाग को भेजी जाएगी। यह जानकारी आज उद्योग विभाग की महाप्रबंधक प्रोमिला शर्मा ने दी।
उन्होंने बताया कि एक वर्ष पहले झंडूता व घुमारवीं चुनाव क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने दौरों के दौरान ऐलान किया था कि दोनों ही हलकों में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जाएगी।
इसके बाद से ही उद्योग विभाग व स्थानीय प्रशासन ने इन क्षेत्रों को बसाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। सबसे पहले झंडूता हलके के बरसंड में जमीन देखी गई। बरसंड में जमीन से जुड़ी तमाम औपचारिकताएं पूरी करके इसका सीमांकन भी कर दिया गया है। पेड़ों की गिनती का काम भी यहां पूरा हो गया है। वहां से अब विभाग वन विभाग को पेड़ों के कटान की अनुमति लेने के लिए केस बनाकर भेजेगा। जबकि दूसरी ओर घुमारवीं हलके में ऐसे ही क्षेत्र को बनाने के लिए कलरी कॉलेज के पास पड़ने वाले जैहडी चैहडी इलाके में चिन्हित की गई कुल अठावन बीघा जमीन में से सिर्फ उन्नीस बीघा जमीन को ही सिलेक्ट किया है। यहां पर आसानी से औद्योगिक बस्तियां बसाई जा सकती हैं। इससे ज्यादा जमीन को इसलिए रिजेक्ट किया गया है क्योंकि वो उबड़ खाबड़ थी। जैहडी चैहडी में भी इन दिनों क्षेत्र के दायरे में आ रहे पेड़ों की गिनती का काम किया जा रहा है।