विद्यार्थियों ने सीखे आपदा प्रबंधन के गुर
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्दरौर में अचानक भूकंप के झटके महसूस किए और छात्रों ने सिर बैग रखकर खुले मैदान की ओर भागना शुरू कर दिया। यह ²श्य कंदरौर में भूकम्प को लेकर एक मॉक ड्रिल के आयोजन का था। कार्यक्रम स्कूल प्रधानाचार्य अमरनाथ बंगा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। स्कूल प्रधानाचार्य अमरनाथ बंगा ने बताया कि भूकंप की संवेदनशीलता को
संवाद सहयोगी, कंदरौर : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कंदरौर में अचानक भूकंप के झटके महसूस किए और छात्रों ने सिर बैग रखकर खुले मैदान की ओर भागना शुरू कर दिया। यह दृश्य कंदरौर में भूकंप को लेकर एक मॉक ड्रिल के आयोजन का था। कार्यक्रम स्कूल प्रधानाचार्य अमरनाथ बंगा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। स्कूल प्रधानाचार्य अमरनाथ बंगा ने बताया कि भूकंप की संवेदनशीलता को देखते हुए इस तरह की मॉक ड्रिलों का आयोजन समय-समय पर होता रहता है ताकि बच्चों और लोगों को भूकंप जैसी आपदा के समय और बाद की स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा सके। आपदा के समय किस तरह से बचना है और दूसरों को कैसे बचाना है के बारे में बताया गया। विज्ञान भवन को मॉक ड्रिल का हिस्सा बनाया गया था तथा इस भवन को भूकंप के दौरान मानवरहित होने का निर्धारित समय तय किया गया था। बच्चे तथा अध्यापक समय होते होते निकल गए उन्हें घायल माना गया तथा जो भवन में ही फंसे रह गए उन्हें मृत समझा गया। बच्चे किस वजह से भवन से नहीं निकल पाए इस पर भी बाद में मंथन किया गया। घायल बच्चों को भवन से निकलने के लिए बचाव दल ने अहम भूमिका निभाई । ज्यादा घायल होने की स्थिति में लोगों को स्ट्रेचर द्वारा निकालने तथा उन्हें प्राथमिक सहायता उपलब्ध करवाने की विभिन्न विधियां हेल्थ केअर की अध्यापिका रीना शर्मा व अंकिता कुमारी ने बताई। घायलों को घटना स्थल से सुरक्षित निकालने, उसे सही जगह पहुंचाने, प्राथमिक सहायता प्रदान करने के बारे में बताया गया। कार्यक्रम का संचालन स्कूल प्रवक्ता ओमकार शर्मा ने किया। इस मौके पर सभी अध्यापक मौजूद रहे।