शहद घोलेगा बिलासपुर की आíथकी में मिठास
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : हिमाचल में लोगों में बागवानी क्षेत्र में अधिक से अधिक रूचि उत्पन्न करने
संवाद सहयोगी, बिलासपुर :
हिमाचल में लोगों में बागवानी क्षेत्र में अधिक से अधिक रूचि उत्पन्न करने तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग ने करोड़ों रुपये की मधुमक्खी पालन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत प्रदेश के लोगों की आर्थिकी को शहद के द्वारा मजबूत किया जाएगा। इसके लिए हिमाचल की सरकार को मधुमक्खी पालन योजना के तहत 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत शिमला को एक करोड़ तीस लाख रूपये, मंडी को एक करोड़ बीस लाख रुपये तथा बिलासपुर जिला को 48 लाख 87 हजार का बजट उपलब्ध करवाया गया है। योजना का लाभ उन लोगों को दिया जाएगा। जिनके पास अपनी जमीन नहीं है। इस योजना के तहत लोगों को 80-20 प्रतिशत के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा। इसमें किसानों को 50 पेटी पर अनुदान मिलेगा। प्रति पेटी का खर्च 4000 रुपये है जिसमें किसान को 800 रुपये खर्च करने होंगे तथा सरकार की ओर से 32 सौ रुपये अनुदान में दिए जाएंगे। इसके अलावा किसानों को मधुमक्खियों के गर्म तथा ठंडे क्षेत्रों में लाने ले जाने के लिए प्रतिवर्ष 10000 की राशि प्रदान की जाएगी। किसानों को घरेलू मधुमक्खियों के पालन पर 1000 की राशि प्रदान की जाएगी। मधुमक्खी पालन से किसानों को 50 पेटी पर लगभग डेढ़ लाख रुपये का लाभ प्राप्त होगा। एक पेटी में लगभग आठ से नौ फ्रेम आती हैं। इसमें किसानों को एक समय में लगभग 20 किलो शहद प्राप्त होगा। मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए पहले किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए सोलन भेजा जाएगा तथा इसके बाद प्रशिक्षित किसान क्षेत्र के मधुमक्खी पालन के इच्छुक किसानों को प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए बिलासपुर में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए जिला में आठ कैंप लगाए जाएंगे। शहद की क्वालिटी को देखते हुए सरकार इसे खरीदेगी ताकि किसानों को शहद बेचने के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े।