जनता को नहीं मिला एम्स, नेताओं को मिला मुद्दा
बिलासपुर के कोठीपुरा में प्रस्तावित एम्स के मुद्दे पर भाजपा व कांग्रेस में वाकयुद्ध जारी है।
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में एम्स का लाभ अभी तक जनता को तो नहीं मिला है लेकिन नेताओं को मुद्दा अवश्य मिल गया है। एम्स के निर्माण में देरी पर कांग्रेस व भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। करीब पांच वर्ष पहले केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद बिलासपुर में एम्स के निर्माण की घोषणा की गई थी। निर्माण में देरी के लिए कांग्रेस केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व सांसद अनुराग ठाकुर पर हमलावर है, जबकि भाजपा प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार को दोषी ठहरा रही है। जबकि बिलासपुर में एम्स की घोषणा के लिए दोनों दल श्रेय ले रहे हैं।
2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद हिमाचल के लिए एम्स स्तर का चिकित्सा संस्थान बनाने का ऐलान किया गया। काफी समय तक जगह के चयन को लेकर मामला लटका रहा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक रामलाल ठाकुर कहते हैं, एम्स यूपीए सरकार की देन है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सोच थी कि देश में बडे़ चिकित्सा संस्थान खोले जाएं। यूपीए सरकार ने हिमाचल के लिए एम्स की घोषणा अपने कार्यकाल के आखिर दौर में की थी।
केंद्र में जब स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी जेपी नड्डा को मिली तो बिलासपुर में एम्स बनाने की चर्चा शुरू हुई। इसके लिए जगह का चयन उस समय प्रदेश सरकार को करना था। बिलासपुर के कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर, बंबर ठाकुर, राजेश धर्माणी, डॉ. बीरू राम किशोर आदि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिले और इसे कोठीपुरा में बनाने की मंजूरी ली। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पशुपालन व राजस्व विभाग की कुछ जमीन का तबादला भी पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हो गया। लेकिन कोठीपुरा में एम्स निर्माण के दायरे में आ रहे पशुपालन विभाग के फार्म की जमीन व जंगलात विभाग की जमीन से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए न तो केंद्र की तरफ से कोई कार्रवाई हुई और न ही प्रदेश सरकार के स्तर पर कुछ ठोस हुआ। बजट की मंजूरी से लेकर एम्स की आधिकारिक अधिसूचना न होने से केंद्र व प्रदेश सरकार में वाकयुद्ध चलता रहा। इसके बाद नड्डा ने विधानसभा चुनाव के दौरान एम्स को अपनी उपलब्धि बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसका शिलान्यास करवा दिया। हालांकि उस समय भी जमीन व बजट से जुड़े सभी मसले लंबित थे। विधानसभा चुनाव के एक वर्ष बाद नड्डा व अनुराग ठाकुर ने दोबारा करीब डेढ़ माह पहले भूमि पूजन किया। दोनों ने ऐलान किया था कि जुलाई में एम्स की ओपीडी शुरू कर दी जाएगी लेकिन अभी तक मौके पर सिर्फ कंपनी ने मशीनरी रखी है और कुछ जगह पर काम आगे बढ़ाने के लिए ढांचा तैयार किया जा रहा है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व सांसद अनुराग ठाकुर ने एम्स के निर्माण पर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लोगों को गुमराह कर वोट के नाम पर छलावा किया है।
-कुलदीप राठौर, प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस
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पूर्व कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में एम्स की जमीन का तबादला नहीं होने दिया। वीरभद्र सिंह नहीं चाहते थे बिलासपुर में यह संस्थान बन।े इसलिए इसे लटकाया जाता रहा है। केंद्र में भाजपा सरकार ने इसे काफी पहले मंजूर करवा दिया था। अब 1300 करोड़ रुपये से एम्स तैयार होने जा रहा है।
-अनुराग ठाकुर, सांसद, हमीरपुर संसदीय क्षेत्र
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बिलासपुर में एम्स की स्थापना का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व कांग्रेस नेताओं को जाता है। स्थानीय नेताओं ने जेपी नड्डा की तरफ से इस आशय का प्रस्ताव आने के बाद जमीन अपने जिले में ढूंढी और औपचारिकताएं को वीरभद्र सिंह से पूरा करवाया।
-राजेंद्र राणा, सुजानपुर के विधायक एवं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे
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बिलासपुर में एम्स का निर्माण स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की देन है। योजना बनाना और इसे अमलीजामा पहनाना अलग बात है। आज तक न जाने कितनी योजनाएं बनीं लेकिन जब तक इन्हें अमलीजामा नहीं पहनाया जाता है तब तक इनका कोई लाभ नहीं है।
अशोक कुमार
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बिलासपुर में एम्स का निर्माण अच्छा कदम है। यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की बड़ी देन है। उम्मीद है एम्स का निर्माण शीघ्र होगा और लोगों को यहां बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। एम्स बिलासपुर में बनना बड़ी उपलब्धि है।
प्रकाश चंद
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बिलासपुर में एम्स बनना बड़ी उपलब्धि है। यह बड़ा प्रोजेक्ट है। मुझे नहीं लगता यह दो वर्ष के भीतर तैयार होगा। लोगों को अभी इंतजार करना पड़ सकता है। अब यह पक्का हो गया है एम्स बिलासपुर में ही बनेगा।
भुवनेश मेहता
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चुनाव नजदीक आते ही एम्स का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। यह केवल वोट की राजनीति से बढ़कर कुछ नहीं है। मुझे नहीं लगता निर्धारित तिथि में एम्स के भीतर लोगों को सुविधाएं मिलेंगी।
नरेंद्र अरोड़ा