दूसरों पर भारी न पड़े आदेश का उल्लंघन
रुकमणि कुंड में प्रतिबंध के बावजूद इन दिनों लोग नहा रहे हैं। इससे कोरोना का संक्रमण और फैल सकता है।
संवाद सहयोगी, झंडूता : कोरोना वायरस का संक्रमण और न फैले, इसके लिए इन दिनों प्रसिद्ध तीर्थस्थल रुकमणि कुंड में नहाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद लोग इस कुंड में नहा रहे हैं। इस कारण मां रुकमणि सेवा समिति रुकमणि कुंड के पदाधिकारियों ने यहां बीमारी फैलने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि आदेश न मानना कहीं दूसरे लोगों की जान पर भारी न पड़ जाए।
मां रुकमणि कुंड सेवा समिति के अध्यक्ष अभिषेक चंदेल, सदस्य तिलक राज, प्रभात चंदेल, संजीव चंदेल, रविद्र चंदेल व अधिवक्ता अंकित चंदेल ने कहा कि औहर के समीप स्थित रुकमणि कुंड में नहाने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। यहां पर कई लोग प्रतिदिन स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं जबकि प्रशासन ने मंदिरों को बंद कर रखा है। यदि एक भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति रुकमणि कुंड में स्नान करता है तो इसकी भारी कीमत 15 पंचायतों के लोगों को चुकानी पड़ सकती है। पंद्रह पंचायतों के करीब 25000 लोगों को पानी की आपूर्ति यहां बनाई गई योजना से दी जाती है। अगर इस समस्या का जल्द समाधान न किया गया तो कई लोग बीमार हो सकते हैं। उन्होने प्रशासन को कई बार अवगत करवाया तथा 47 दिनों तक यहां पुलिस कांस्टेबल भी आता रहा लेकिन अब वह यहां नहीं आ रहा है।
उन्होने कहा कि पुलिस कर्मी के चले जाने के बाद यह क्षेत्र शराबियों व हुड़दंगियों का अड्डा बनता जा रहा है। स्थानीय लोगों व रुकमणी सेवा समिति ने प्रशासन से आग्रह किया है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर रुकमणी कुंड में स्थायी रूप से पुलिस कर्मी तैनात किया जाए। वहीं, झंडूता के एसएचओ प्रीतम चंद ने कहा कि पुलिस की टीम समय-समय पर रुकमणि कुंड के आसपास गश्त करती रहती है। कुछ समय पहले यहां एक गृहरक्षक को तैनात किया गया था लेकिन किन्हीं कारणों से उसे वापस बुलाना पड़ा था। अब दोबारा वहां एक जवान को तैनात कर दिया जाएगा।