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नलवाड़ी स्मारिका में दर्ज होगा सांस्कृतिक विरासत

बिलासपुर के राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले की स्मारिका में इस बार लोगों को बिलासपुर की सोशोलॉजिकल इतिहास भी पढ़ने को मिलेगा। इसके लिए प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है ताकि स्मारिका को ऐतिहासिक बनाया जा सके तथा युवा पीढ़ी भी अपनी प्राचीन लोक सांस्कृतिक विरासत से रूबरू हो सके। इसके

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 03:34 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 03:34 PM (IST)
नलवाड़ी स्मारिका में दर्ज होगा सांस्कृतिक विरासत

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : बिलासपुर के राज्यस्तरीय नलवाड़ी मेले की स्मारिका में इस बार लोगों को बिलासपुर का इतिहास भी पढ़ने को मिलेगा। इसके लिए प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है, ताकि स्मारिका को ऐतिहासिक बनाया जा सके तथा युवा पीढ़ी भी प्राचीन लोक सांस्कृतिक विरासत से रूबरू हो सके। इसके लिए समिति ने लोगों से बेहतरीन लेख, कविता व गीत आदि भेजने का आह्वान किया है।

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इस संबंध वीरवार को उपायुक्त भवन में एक बैठक हुई। सहायक आयुक्त एवं संयोजक स्मारिका उपसमिति सिद्धार्थ आचार्य ने 17 से 23 मार्च तक आयोजित किए जाने वाले राज्यस्तरीय नलवाड़ी मेला की स्मारिका के प्रकाशन के संदर्भ में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रयास किया जाएगा कि नलवाड़ी मेला स्मारिका को नया स्वरूप प्रदान किया जाए। इस संदर्भ में जिला के लेखकों, कलाकारों व नागरिकों से स्मारिका के लिए लेखों, कविताओं व गीतों इत्यादि को आमंत्रित किया है। स्मारिका में बिलासपुर जिला की प्राचीन लोक संस्कृति व परंपराओं तथा प्राचीन इतिहास से संबंधित सामग्री को संकलित किया जाए। आग्रह किया है कि 29 फरवरी तक अपने लेख इत्यादि जिला भाषा अधिकारी बिलासपुर के कार्यालय में उपलब्ध करवाएं, ताकि निर्धारित समय पर स्मारिका का प्रकाशन संभव बनाया जा सके।


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