किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे बंदर
मैहरीं-काथला पंचायत के अंतर्गत खनसरा व नालटी गांव में बंदरों के आतंक न
संवाद सहयोगी, बम्म : मैहरीं-काथला पंचायत के अंतर्गत खनसरा व नालटी गांव में बंदरों के आतंक ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। ये बंदर सीर खड्ड के समीप व गांव के साथ लगने वाले जंगल से होकर खेतों में उजाड़ करने पहुंच जाते हैं। बंदरों के आतंक के कारण किसानों को खेतीबाड़ी करना मुश्किल हो रहा है। बंदर पिछले कई वर्षों से खेती को बर्बाद कर रहे हैं। दिन-प्रतिदिन इन बंदरों की तादाद बढ़ती जा रही है। विभाग को बार-बार समस्या से अवगत करवाने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों ने हिमाचल सरकार व विभाग से आग्रह किया है कि बंदरों के बढ़ रहे आतंक से निजात दिलाई जाए अन्यथा खेतीबाड़ी करना मुश्किल हो जाएगा।
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रिशु चंदेल ने कहा कि बंदरों के आतंक के कारण किसानों का जीना मुश्किल हो गया है। बंदर किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। किसानों ने मजबूर होकर खेती करना छोड़ रहे हैं। हिमाचल सरकार को इसके लिए उचित कदम उठाने चाहिए। अन्यथा मजबूर होकर खेती करना बंद कर दिया जाएगा।
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प्रियंका देवी ने कहा कि बंदरों के बढ़ रहे आतंक से खेती करना मुश्किल हो रहा है। बंदरों से बचाव के लिए सरकार को उचित प्रावधान निकालने होंगे। बंदर सीर खड्ड व जंगल के रास्ते से खेतों में आ रहे हैं। इन बंदरों ने पूरी फसल बर्बाद कर दी है। किसानों को उनकी मेहनत का फल नहीं मिल रहा है। सरकार भी बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए कदम उठाने चाहिए।
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विष्णु देवी ने कहा कि बंदरों की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ये कहां से आ रहे हैं कोई समझ नहीं आता है। किसान इन बंदरों द्वारा मचाए जा रहे उत्पात से दु:खी है। यदि समय रहते इन बंदरों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब किसानों के भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।
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राकेश कुमार ने कहा कि बंदर तैयार की गई सब्जियों में आलू, लौकी आदि को बर्बाद कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों को बंदरों से राहत प्रदान करने के लिए ठोस रणनीति तैयार की जानी चाहिए। यदि बंदर किसानों की फसल को बर्बाद करते रहे तो किसान खुद ही बर्बाद हो जाएंगे।
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रवि चंदेल ने कहा कि बंदरों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। ये बंदर अब इंसानों से भी नहीं डरते हैं। यदि इन्हें भगाने की कोशिश करते हैं तो यह हमला बोल देते हैं। बंदर घरों में घुसकर खाना तक ले जाते हैं। घर में छोटे-छोटे बच्चों को भी कई बार नुकसान पहुंचा चुके हैं।