राइट डाइट से रहेंगे दुरुस्त
हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण गलत खान-पान है। समुचित खान-पान से जहां हदय रोगों की रोकथाम संभव है। फिर भी अगर कोई व्यक्ति हृदय रोगों से ग्रस्त हो ही गया, तो दवाओं और अन्य
हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण गलत खान-पान
है। समुचित खान-पान से जहां हदय रोगों की
रोकथाम संभव है। फिर भी अगर कोई व्यक्ति हृदय
रोगों से ग्रस्त हो ही गया, तो दवाओं और अन्य
चिकित्सा विधियों के साथ समुचित खान-पान से
हृदय रोगों को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
प्रोटीन: वेजीटेबल प्रोटीन- जैसे दालें, सोयाबीन,
पनीर, दूध, अंकुरित अनाज, दही आदि का सेवन अधिक करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये रक्त में कोलेस्टेरॉल के स्तर को नियंत्रित रखते हैं।
कार्बोहाइड्रेट- दिल के रोगियों के लिए हर तरह का कार्बोहाइड्रेट अच्छा नहीं है। साधारण कार्बोहाइड्रेट (हाई ग्लाइसेमिक फूड्स) जैसे शुगर, आलू, शकरकन्द, चावल, केक्स, मिठाइयां, मैदे से बनी चीजें, सोडा ड्रिंक्स, फास्ट फूड्स और पास्ता आदि शरीर में कोलेस्टेरॉल की मात्रा को बढ़ाते हैं। इनकी जगह आपको जटिल कार्बोहाइड्रेट (लो ग्लाइसेमिक
फूड्स) जैसे फल, सब्जियां, सलाद, नट्स, बीन्स, साबुत अनाज, अंकुरित दालें, दूध आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।
वसा या फैट- दिल के रोगियों को मीट नहीं खाना चाहिए। इसी तरह घी, मक्खन, डालडा, केक्स, बिस्किट, क्रीम, मलाई, सॉस आदि से भी परहेज करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन खाद्य पदार्र्थों से रक्त में कोलेस्टेरॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ता
है, जो दिल की सेहत के लिए नुकसानदेह है।
सोडियम: अगर आपके खाने में सोडियम की
मात्रा अधिक है, तो ऐसी स्थिति में उच्च रक्तचाप
(हाई ब्लडप्रेशर) का खतरा बढ़ सकता है। दिल
के रोगियों को उच्च रक्तचाप से बचने के लिये कम
सोडियम वाले खाने का प्रयोग करना चाहिए।
सोडियम, अचार, बेकिंग सोडा, सॉस, पैक्ड फूड्स,
बेकरी उत्पाद, केन तले हुए और मिर्च मसाले युक्त
खाद्य पदार्थों में ज्यादा पाया जाता है। इसलिए कम
सोडियम वाले खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियां, फल, अंकुरित दालें, साबुत अनाज, बिना मलाई का दूध आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।
प्रशांत शुक्ला डाइटीशियन, देहरादून