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लिवर की बीमारी का पता लगाने का नया तरीका

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने लिवर की बीमारी का पता लगाने के लिए नया तरीका ईजाद करने का दावा किया है। इसकी मदद से नॉन अल्कोहॉलिक लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) के बारे में ज्यादा सटीक जानकारी हासिल की जा सकती है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 13 Apr 2016 03:18 PM (IST)Updated: Wed, 13 Apr 2016 03:21 PM (IST)
लिवर की बीमारी का पता लगाने का नया तरीका

न्यूयॉर्क। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने लिवर की बीमारी का पता लगाने के लिए नया तरीका ईजाद करने का दावा किया है। इसकी मदद से नॉन अल्कोहॉलिक लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) के बारे में ज्यादा सटीक जानकारी हासिल की जा सकती है। दरअसल, शुरआती दौर में एनएएफएलडी के लक्षण सामने नहीं आते हैं, लेकिन बाद में यह कैंसर का रूप धारण कर सकता है। इसमें लिवर टिश्यू सख्त हो जाता है। नई तकनीक थ्रीडी इमेजिंग के जरिए बनाई गई है। इसे मैग्नेटिक रेजोनेंस इलास्टोग्राफी (एमआरई) का नाम दिया गया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि थ्रीडी एमआरई फाइब्रोसिस के बारे में शुरआत में ही जानकारी देने में सक्षम है। फाइब्रोसिस से लिवर में जरूरत से ज्यादा फाइब्रस कनेक्टिव टिश्यू उत्पन्न होता है। एमआरई लिवर टिश्यू की कठोरता को बताने में सक्षम है। टिश्यू का सख्त होना फाइब्रोसिस का संकेतक है।

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