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थल से जल तक योग की धूम, 10 हजार से अधिक बने भागीदार

पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का जादू सिर चढ़कर बोला।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 09:53 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 06:35 AM (IST)
थल से जल तक योग की धूम, 10 हजार से अधिक बने भागीदार
थल से जल तक योग की धूम, 10 हजार से अधिक बने भागीदार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर: पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का जादू सिर चढ़कर बोला। सूरज की उगती किरणों को नमस्कार के साथ साधकों ने योग और प्राणायाम किए और निरोग रहने का संदेश दिया। जल से थल तक योग हुआ। आदिबद्री धाम पर सरोवर में संतों ने योग किया। तेजली खेल परिसर में जिला स्तरीय योग दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इसमें विधानसभा के स्पीकर चौधरी कंवरपाल मुख्य अतिथि और विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। समारोह में जिला के 10 हजार से अधिक महिला, पुरूष और बच्चों ने संयुक्त रूप से योगाभ्यास किया। रादौर और बिलासपुर में हजारों साधकों ने योग-प्रणायाम किए। पंतजलि योग समिति के जिला प्रभारी जय कुमार ने मंच संचालक करते हुए योग की क्रियाएं कराई। एडीसी के साथ चल रही तनातनी के कारण टीचर योग दिवस से दूर रहे। टीचरों के नहीं आने से बच्चों को संभालने में दिक्कत आई। इसलिए मनाया जाता है 21 जून को योगा दिवस

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योगाचार्य जयकुमार के मुताबिक 21 जून उत्तरी गोला‌र्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। इसे कुछ लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहकर बुलाते हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है। इसी कारण से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाते है। ओम की ध्वनि और प्रार्थना से योग शुरू

सर्वप्रथम ओम की ध्वनि और प्रार्थना मंत्र किया गया। उसके बाद योग क्रियाएं शुरू हुई। संचालक ने हर योग और क्रिया के बारे में पूर्व में लाभ और हानि के बारे में विस्तार से साधकों को अवगत कराया। ओम की ध्वनि से बुद्धि और मन को सकारत्मक ऊर्जा मिलती है। ऋषि मुनियों ने दी है हमें योग की धरोहर

विधानसभा स्पीकर कंवर पाल ने कहा कि पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में 177 देशों से अधिक देशों ने भाग लिया और भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग के महत्व को समझकर इसके प्रचार-प्रसार के लिए विशेष कदम उठाए हैं। योग रखे निरोग, योग भगाए रोग की युक्ति को सभी व्यक्ति अपने जीवन में अपनाएं। योग पुरानी परपंरा है, जिसे महर्षि पंतजलि ने सूत्रबद्व किया था। उन्होंने कहा कि योग जीवन और शरीर की सकारात्मक शक्ति को बढ़ाता है इसलिए सभी योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाए। मुस्लिम देशों ने भी योग दिवस मनाया

विधानसभा स्पीकर ने कहा कि अब तक भारतवासी विदेशों द्वारा निर्धारित दिवस मनाते आए हैं। पिछले पांच वर्षों से विश्व के 177 देशों ने भारत की 6 हजार वर्ष पुरानी संस्कृति की पहचान योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मना रहे हैं। योग किसी धर्म और जाति से संबंधित विषय नहीं और विश्व के 45 से अधिक मुस्लिम देशों ने भी योग दिवस मनाया है। योग का अर्थ मन, आत्मा और शरीर को जोड़कर व्यक्ति को एकाग्रता प्रदान करना और विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रखना है। डीसी आमना तस्नीम और एडीसी प्रशांत पंवार की ओर से अतिथियों को स्मृति चिह्न और शाल देकर सम्मानित किया। ये रहे उपस्थित

कार्यक्रम में अल्प संख्यक राष्ट्रीय कमीशन भारत सरकार के सदस्य सरदार मनजीत सिंह राय, नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी के मेयर मदन चौहान, पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह यादव,जगाधरी के एसडीएम सतीश कुमार, डीडीपीओ कपिल शर्मा, डीएफओ सूरज भान, जिला खेल अधिकारी राजेंद्र कुमार गुप्ता, आयुष विभाग के डॉ. विनोद पुंडीर, डॉ. सुरेंद्र पाल सिधु जिला खाद्य और आपूर्ति नियंत्रक सुरेंद्र सिंह डॉ. विजय दहिया आयुष विभाग के योग विशेषज्ञ डॉ. शिव कुमार सैनी, डॉ. ललित सैनी उपस्थित रहे। सर, ये प्लास्टिक की बोतल कैंसर बढ़ाती हैं, इसको छोड़ दो

योग दिवस का कार्यक्रम समाप्त होने पर स्पीकर मीडिया से योग के बारे में बात कर रहे थे। काफी देर तक डीसी आमना तस्मीन और अन्य अधिकारी शांत खड़े रहे। जैसे से वार्ता खत्म हुई स्पीकर अपनी गाड़ी में बैठने लगे। इसी दौरान डीसी की नजर गाड़ी की खिड़की में साइड में रखी पानी की प्लास्टिक की बोतल पर पड़ी। डीसी ने गाड़ी की खिड़की रोकते हुए कहा कि सर.. जिस प्लास्टिक की बोतल में ठंडा पानी आ रहा है, ये प्लास्टिक कैंसर की बीमारी को बढ़ावा देने का काम कर रही है। ये गंभीर विषय है। इसका प्रयोग आप भी कर रहे हैं। सलाह है कि आगे से इस बोतल के पानी को प्रयोग न करें। स्पीकर ने डीसी को धन्यवाद करते हुए कहा कि मैडम आपकी सलाह पर अमल किया जाएगा। पानी कम खर्च हो, इसलिए पानी की छोटी बोतल को उपयोग में ला रहे थे। ये कहते हुए स्पीकर तेजली खेल परिसर से चले गए। बाद में डीसी ने कहा कि ठंडे पानी की ये बोतल बीमारी की जड़। इसमें निम्न क्वालिटी का प्लास्टिक का यूज होता है। जब भी पारा 25 डिग्री के पार होता है तो ये प्लास्टिक अपना दुष्प्रभाव छोड़ना शुरू कर देती है। पानी की बोतलों से लदे ट्रक भारी गर्मी में खड़े रहते है।


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