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10 रुपये के लिए भी ले लेते इंसान की जान

नितिन शर्मा, यमुनानगर जम्मू कालोनी में लूट के मामले में पकड़े गए बदमाशों के लिए इंसान की जा

By Edited By: Published: Thu, 20 Oct 2016 12:32 AM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2016 12:32 AM (IST)
10 रुपये के लिए भी ले लेते इंसान की जान

नितिन शर्मा, यमुनानगर

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जम्मू कालोनी में लूट के मामले में पकड़े गए बदमाशों के लिए इंसान की जान की कीमत 10 रुपये से भी कम है। मात्र 10 रुपये के लिए वह वारदात के दौरान किसी की भी हत्या कर सकते हैं। 1 अक्टूबर की रात जम्मू कालोनी में घटना को अंजाम देते वक्त बदमाशों ने महिला का गलाघोंट दिया था, लेकिन वह बच कैसे गई, उनको नहीं पता। इसका खुलासा पुलिस पूछताछ में किया।

सीआइए की टीम उत्तर प्रदेश से पकड़कर बदमाशों को यमुनानगर लाई है। बदमाशों ने बताया कि वे अपने रहने वाले स्थान से 50 किलोमीटर की दूरी पर वारदात करने के लिए चुनते हैं। हमेशा ऐसे स्थान का चयन करते हैं, जहां घर भी बहुत सारे हों, शहर से दूरी पर बसे हों। शहर के बीच में जल्दी घटना को अंजाम नहीं देते हैं। वारदात पर निकलते वक्त काला कच्छा और शरीर पर तेल लगा लेते हैं। इससे वह जल्दी किसी की पकड़ में नहीं आते। हथियार के रूप में पेंचकस, सरिया, लाठी आदि रखते हैं। बड़े हथियार लेकर नहीं निकलते। वारदात करने से पहले वह उस स्थान की रेकी करते हैं। दिन में कई चक्कर लगाते हैं। कभी कबाड़ी बनकर तो कभी भीख मांगने के लिए निकलते हैं। वारदात के बीच जो भी उनके सामने आता है, वह उससे कोई बात किए बिना सीधे वार करते हैं। महिलाओं के साथ मारपीट करने से परहेज नहीं करते, बच्चों तक को अपना निशाना बना लेते हैं। इससे उनकी दहशत फैलती है। घटना को अंजाम देने के कुछ देर बाद ही वह अपना हुलिया व कपड़े बदलकर जिला बदल लेते हैं। जल्दी से पुलिस की पकड़ में नहीं आते हैं।

मध्य प्रदेश के रहने वाले

पकड़े गए बदमाश मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। वह अपना स्थायी घर नहीं बनाते। एक से दूसरे स्थान पर जाकर झोपड़ी बनाते हैं। लूटपाट, चोरी करना ही उनका काम है। लूट पाट के लिए नजदीक स्थल का चयन कभी नहीं करते। जिस स्थान पर रहते हैं वहां लूट नहीं करते। हमेशा दूसरे जिले का ही चयन करते हैं।

फैलना पड़ता है नेटवर्क

जांच अधिकारी मोहनलाल का कहना है कि उनको पकड़ना आसान नहीं है। उनको काबू करने के लिए पड़ोसी राज्यों के जिलों की पुलिस से संपर्क करना पड़ा है। कई बार तो खुद ही झोंपड़ियों में जाकर रहना पड़ता है। उसके बावजूद यह काबू नहीं आते हैं। इस वारदात में भी ऐसा हुआ है। 17 दिन लगातार मेहनत करने से वह इस गिरोह को पकड़ने में सफल हुए हैं। उनकी पूरी टीम ने इसमें सहयोग किया है। 50 से अधिक चक्कर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगाए। उनका नाम वह सार्वजनिक नहीं कर सकते। उनके फरार तीन अन्य साथियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उनका नेटवर्क इस दिशा में कार्य कर रहा है। उनके हाथ और भी महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं। मोहन ने बताया कि इनका स्थायी ठिकाना नहीं होता।

दहशत में कस्बे के लोग

बिलासपुर क्षेत्र में कई दिनों से मारपीट और लूटपाट की घटनाओं का ग्राफ बढ़ने से कस्बा वासी व दुकानदार सहमे हुए हैं। बदमाशों को पुलिस का कोई खौफ नहीं है और दिन-प्रतिदिन आपराधिक तत्व अपने मजसूबों में कामयाब हो रहे है। पिछले लगभग एक माह में लगभग एक दर्जन मार पीट व लूट पाट की घटनाएं घट चुकी है। यह सारी घटनाएं शाम को अंधेरा होते ही सात से 10 बजे के बीच घटित होती है।

दूकानें बंद कर घर जा रहे दूकानदारों से मारपीट व लूट की कई घटनाएं घट चुकी है। पर सभी वारदतों

के आरोपी पुलिस पकड़ से बाहर है। कुछ दिन पूर्व नागल गांव के पूर्व सरंपच के बेटे के साथ कपालमोचन में मारपीट कर बाइक छीनी गई, ककड़ोनी निवासी अनिल कुमार बीते शुक्रवार रात लगभग नौ बजे अपनी दुकान बंद करके घर जा रहा था रास्ते में कुछ युवकों ने उस पर हमला बोल कर मार पिटाई कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था, जिसका इलाज अभी पीजीआइ चडीगढ़ में चल रहा है। कुछ दिन पहले गांव मोहडी निवासी कार रिपेयर करने वाले मिस्त्री पर दूकान पर ही लाठी डंडों से हमला किया गया। इन सब घटनाओं के आरोपी आज गिरफ्त से बाहर है। कस्बे में पिछले दिनों ऐसी कई घटनाएं घटने से दुकानदारों को रात में अपनी दुकानें बंद कर घर जाते वक्त डर सताने लगा है।


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