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बढ़ सकती हैं सेंट थॉमस स्कूल की मुश्किलें

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : फीस बढ़ोतरी सहित अन्य मुद्दों पर घिरे जगाधरी के सेंट थॉमस

By Edited By: Published: Wed, 02 Nov 2016 05:19 PM (IST)Updated: Wed, 02 Nov 2016 05:19 PM (IST)
बढ़ सकती हैं सेंट थॉमस स्कूल की मुश्किलें

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : फीस बढ़ोतरी सहित अन्य मुद्दों पर घिरे जगाधरी के सेंट थॉमस स्कूल की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। अभिभावकों की ओर से मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजी गई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने स्कूल को मान्यता रद करने के बारे में शॉ काज नोटिस देने का फैसला किया है। निदेशक की ओर से शिकायतकर्ता को भेजे पत्र क्रमांक 38-64-2016 पीएस (एक) में स्पष्ट किया गया है कि शिकायतकर्ता के पत्र और जिला शिक्षा अधिकारी से प्राप्त रिपोर्ट पर सक्षम अधिकारी से विद्यालय की मान्यता रद करने के बारे में शॉ कॉज नोटिस जारी करने का फैसला लिया है, जो जल्दी ही जारी कर दिया जाएगा। नोटिस का उत्तर प्राप्त होने पर विद्यालय के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। विभाग के इस फैसले से अब अभिभावकों को न्याय की उम्मीद जगी है।

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अभिभावकों का धरना जारी

फीस बढ़ोतरी और स्कूल में बच्चों को सुविधाएं न देने, स्टे के बावजूद बढ़ी हुई फीस जमा कराने आदि मामलों के विरुद्ध स्कूल परिसर के बाहर अभिभावकों का धरना लंबे समय से जारी है। अभिभावक और शिकायतकर्ता प्रोफेसर कालोनी निवासी संदीप दुग्गल, अमित भाटिया, गौतम गर्ग, संजीव मेहता, मुकेश दाबड़ा, चंद्र मणी, सुरेंद्र मोहन, विरेंद्र मित्तल आदि का आरोप है कि स्कूलों को 1 जनवरी तक अगले वर्ष की फीस बढ़ोतरी के संदर्भ में फार्म-छह जमा कराना होता है, जो स्कूल ने समय पर जमा नहीं कराया। जिला शिक्षा अधिकारी ने कई बार शॉ-कॉश नोटिस जारी होने बाद मई में जमा कराया, जबकि समय पर फार्म जमा न कराने के हरियाणा एजुकेश एक्ट के तहत फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकते थे। बावजूद इसके बढ़ी हुई फीस लेते रहे हैं और अभी भी बढ़ी हुई फीस जमा कराने के लिए दबाव डाला जा रहा है। इसके अलावा अभिभावकों ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन की ओर से जमा की गई बैलेंस शीट भी सही नहीं पाई गई है। आरोप है कि बैलेंस शीट छह माह की ही जमा कराई गई थी। बैलेंस शीट से यह पता चला कि स्कूल प्रॉफिट कमाने में आगे है, लेकिन सुविधाएं देने में कंजूसी बरत रहा है।

असमंजस में अभिभावक

अभिभावकों का कहना है कि मैनेजमेंट को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पिछला मैनेजमेंट जो 50 वर्ष से स्कूल चला रही था, जिससे हटाकर सितंबर, 2015 में नई मैनेजमेंट को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। अब अभिभावकों को यह समझ नहीं आ रहा है कि कौन सी मैनेजमेंट सही है। दूसरा, शिक्षा विभाग स्कूल के खिलाफ के मूड में दिखाई दे रही है और ऐसे फीस जमा कराने को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

विस अध्यक्ष कर चुके हस्तक्षेप

इस मामले मे विस अध्यक्ष भी धरना स्थल पर बैठे अभिभावकों के बीच गए थे, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं हो पाया। अभिभावक 4 जुलाई से धरने पर बैठे हुए हैं। इसके अलावा सीएम ¨वडों पर शिकायत देने के साथ ही सीएम से व्यक्तिगत तौर पर भी इस मामले को लेकर मिल चुके हैं। कष्ट निवारण समिति की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के समक्ष यह मुद्दा उठ चुका है। यहां तक कि मानव संसाधन विकास और केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी शिकायत दी जा चुकी है।

अभी केवल शिकायतकर्ता को ही कार्रवाई की सूचना दी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में यह पत्र नहीं पहुंचा। कष्ट निवारण समिति की बैठक में यह मामला उठाया गया था, यह मेरे संज्ञान में है, लेकिन शो कॉज नोटिस जारी करने के फैसले से संबंधित पत्र अभी विभाग को नहीं मिला है।

सुरेश कुमार, उप जिला शिक्षा अधिकारी।

इनसेट

हमारे पास ऐसा कोई पत्र नहीं आया है। अतीत में शिक्षा विभाग की ओर से जो भी सवाल पूछे गए थे, उनके जवाब लिखित में दिए जा चुके हैं। भविष्य में निधि संगत हर प्रकार के सवाल का जवाब दिया जाएगा।

चंदनालाल, ¨प्रसिपल, सेंट थॉमस स्कूल।


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