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महिलाएं भी लें लोकतंत्र उत्सव में भाग, मतदान कर निभाएं फर्ज

जागरण संवाददाता यमुनानगर आधी आबादी के सशक्तीकरण की बात बहुत हुई लेकिन महिलाओं की समस्या और उनके मुद्दों का कितना समाधान हुआ? उनकी कितनी पैरवी हुई? आंकड़ों के पीछे की हकीकत क्या है? इन सब विषयों पर बात हुई तो दिल की बात जुबां पर आ गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 12:37 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 12:37 AM (IST)
महिलाएं भी लें लोकतंत्र उत्सव में भाग, मतदान कर निभाएं फर्ज
महिलाएं भी लें लोकतंत्र उत्सव में भाग, मतदान कर निभाएं फर्ज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : आधी आबादी के सशक्तीकरण की बात बहुत हुई, लेकिन महिलाओं की समस्या और उनके मुद्दों का कितना समाधान हुआ? उनकी कितनी पैरवी हुई? आंकड़ों के पीछे की हकीकत क्या है? इन सब विषयों पर बात हुई, तो दिल की बात जुबां पर आ गई। पाठक पैनल में आए बुद्धिजीवियों ने बेबाकी से अपनी बात रखी। चुनावी मुद्दों में खुद की मांगों को आखिरी से पहले पायदान पर लाने की मांग मजबूती से उठाई। मौका था दैनिक जागरण के कार्यक्रम हर वोट कुछ कहता है का। कार्यक्रम एसडीआइएमटी में आयोजन किया गया। फोटो : 21

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महिलाएं सशक्त हैं। यह तय बात है तो फिर हक मांगने की क्या जरूरत। हमें अपने अंदर देखकर खुद मंथन करना होगा। झांसी की रानी और कल्पना चावला भी खुद को अकेला मानती तो कैसे देश का नाम रोशन करतीं। हममें प्रतिरोध करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए। संभव नहीं कि हर महिला के पीछे पुलिसकर्मी हो, लेकिन आत्मरक्षा और आत्मविश्वास को हथियार बनाकर वह किसी भी मुश्किल से लड़ सकती हैं। हां गंभीर समस्या है तो एक आवाज दीजिए, सहयोग करने को बहुत साथ खड़े नजर आएंगे। दैनिक जागरण की ओर से आयोजित हर वोट कुछ कहता है कार्यक्रम अच्छा है। इससे निश्चित ही लोग अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। 12 मई को वोट डालने जरूर जाएं।

डॉ. शैली गुप्ता, डायरेक्टर एसडीआइएमटी जगाधरी फोटो : 07

महिला सशक्तीकरण सिर्फ बातों में न हो। पहले की तुलना में महिला अपराध में कमी आई और हालात सुधरे, लेकिन गुंजाइश अब भी बाकी है। उन्हें सशक्त करने की बात हकीकत से ज्यादा कागजों में नजर आती है। महिला अपराधों के साथ घरेलू हिसा पर भी रोक आवश्यक है। ये तभी संभव होगा जब सभी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करें। खाली बात करने से कुछ नहीं होगा।

मेघा, असिस्टेंट प्रोफेसर

फोटो : 08

अक्सर देखने में आता है कि वोट बटोरने के लिए बहुत से वादे किए जाते हैं। इनको निभाया कम जाता है। ऐसा गलत है। जनप्रतिनिधि तो ऐसे हों जो अपने किए वायदे को कुर्सी पर बैठते ही निभाए। इसके साथ ही बच्चों को नौकरी के लिए बाहर न जाना पड़े, इसलिए रोजगार, प्रमुख मुद्दों में शामिल करें। माना कि जो प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, उनमें से जीतने वाले से जितने सवाल-जवाब हों, उतनी ही जिम्मेदारी हारने वालों की भी तय हो, जिससे कि मजबूत विपक्ष तैयार हो। हम सब लोग लोकसभा चुनाव का हिस्सा बनें। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मतदान जरूर करें।

मोनिका असिस्टेंट प्रोफेसर फोटो : 09

लोकतंत्र उत्सव चल रहा है। पांच साल बाद मतदान करने का मौका मिलता है। इसलिए बड़ी समझदारी के साथ अपने कीमती वोट का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि आपकी सही सोच ही देश विकास में योगदान देगी।

संजय यादव, एसडीआइएमटी फोटो : 10

वे तो हर बार वोट डालते हैं। उनका दिया वोट खराब नहीं होता। वे बहुत सोच समझकर वोट का प्रयोग करते हैं। यही सुझाव दूसरे लोगों को भी देना चाहते हैं। जनप्रतिनिधि जन के बीच में रहने वाला होना चाहिए।

कुलवंत गर्ग, ऑफिस असिस्टेंट फोटो 11

वे खुद तो वोट करती हैं। साथ ही दूसरे लोगों को भी वोट डालने के लिए प्रेरित करेगी। अक्सर देखने में आता है कि लोग मतदान के दिन घूमने निकल जाते हैं। उनकी राय है कि पहले हमे वोट देनी चाहिए। वोट डालने की जिम्मेदारी पूरी होने के बाद कही भी जाया जा सकता है।

प्रेरणा कौशिक, असिस्टेंट प्रोफेसर फोटो : 12

शिक्षित लोग ही देश के विकास में सही योगदान दे सकते हैं। इस वर्ग के साथ जिले के और लोगों को भी अपेक्षाएं रहती है। अध्यापकों को भी चाहिए कि वे आसपास के लोगों को मतदान के लिए जागरूक करें। उनको मतदान का महत्व बताए। इससे उनके अंदर भी जागरूकता आए। ये लोग भी लोकतंत्र पर्व का हिस्सा बन सकें।

इतिका आहुजा, असिस्टेंट प्रोफेसर फोटो : 13

किसी के बहकावे में आकर अपने मत का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उनका मानना है कि अपने विवेक के आधार पर प्रयोग करना चाहिए। ऐसे जनप्रतिनिधि का चयन करना चाहिए। जो केवल विकास कार्यो की बात न करें, बल्कि इनको मूर्त रूप भी दे।

गुरजिद्र सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर फोटो : 14

मतदान के दिन बहुत से लोग नोटा का बटन दबा देते हैं। जबकि उनको ये मालूम नहीं होता है कि नोटा से वोट खराब हो जाता है। हर वोट कीमती होता है। एक वोट से हार जीत का फैसला होता है। अपने वोट की ताकत को पहचाने। इसका सही प्रयोग करें।

डॉ. शिलपा जैन, एचओडी एमबीए फोटो : 15

उनका सबसे आह्वान है कि मतदान के दिन को छुट्टी का दिन न मान लें। वे देखती हैं कि बहुत से लोग परिवार के साथ बाहर जाने का प्रोग्राम इस दिन बनाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र के उत्सव में अपने वोट की आहुति डालकर जिम्मेदारी का निर्वाह करना चाहिए।

आदिति मदान, असिस्टेंट प्रोफेसर फोटो : 16

लोकसभा चुनाव का माहौल चल रहा है। इस उत्सव में भाग लेने का मौका मिला है। इसे गंवाना नहीं चाहिए। जोश के साथ उत्सव का हिस्सा बनना चाहिए। अच्छी सोच के साथ सही जनप्रतिनिधि का चयन करना हम सब की जिम्मेदारी है। इससे बचना नहीं चाहिए।

अतुल गर्ग, यमुनानगर फोटो: 17

कुर्सी पाने के लिए नेता लोग बड़े वायदे जनता के साथ करते हैं। ये हमारी समझ है कि हमें इस वक्त क्या कदम उठाना है। हमारी सोच अच्छी होगी तो अच्छा जन प्रतिनिधि हमें मिलेगा। जो लोकसभा हमारे के हक की बात करेगा।

जया शर्मा, यमुनानगर फोटो : 18

महिलाएं उत्साह के साथ मतदान का इस्तेमाल नहीं करती। उनका महिलाओं के नाम संदेश है कि वे अपने मत का जरूर प्रयोग करें। किसी से पूछ कर नहीं अपनी विवेक के आधार पर मत का प्रयोग करना चाहिए। इनकी सही सोच देश के हित में होगी।

रेखा राठौर, एचओडी, बीबीए

फोटो : 19

जब भी चुनाव आते हैं। वे अपने मत का प्रयोग जरूर करती हैं। अपने साथ आसपास के लोगों को भी मतदान के दिन वोट डालने के लिए प्रेरित करती हैं। उनका सुझाव यही है कि अपने वोट का जरूर प्रयोग करना चाहिए।

मीना, असिस्टेंट प्रोफेसर फोटो : 20

वे दूसरे लोगों को भी मतदान के लिए प्रेरित करते हैं। अपनी जिम्मेदारी उनको पहले से ही पता है। लोकतंत्र के पर्व में वे मतदान की आहुति हमेशा डालते हैं। ये मौका पांच साल के बाद मिलता है। इससे गंवाते नहीं हैं। इसमें उत्साह के साथ भाग लेते हैं।

रामकुमार भास्कर, लाइब्रेरियन


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