महिलाओं को जीएसटी से सता रहा महंगाई का डर
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का डर महिलाओं को भी सता रहा ह
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का डर महिलाओं को भी सता रहा है। कुछ जीवन उपयोगी वस्तुओं को जीएसटी से बाहर रखे जाने की बात कह रही हैं तो कुछ का कहना है कि सरकार के इस निर्णय से महंगाई बढ़ेगी और परिवारों का बजट बिगड़ेगा। उनका कहना है कि जीएसटी लागू होने से जीवन उपयोगी वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। साधन संपन्न पर असर भले ही न पड़े, लेकिन गरीब आदमी महंगाई की चक्की में अवश्य पिसेगा।
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उत्थान संस्थान की निदेशिका डॉ. अंजु वाजपेयी का कहना है कि जीएसटी लागू होने से देश भर में एक जैसी टैक्स प्रणाली लागू होगी। जीएसटी का असर विकलांग बच्चों की वस्तुओं व लोगों के उपचार के लिए प्रयोग होने वाली दवाईयों पर पड़ेगा। सरकार को चाहिए विकलांग बच्चों के लिए प्रयोग होने वाली वस्तुओं व दवाईयों को जीएसटी से बाहर रखा जाए। जिससे विकलांग बच्चे अपना सफल जीवन जी सकें और लोगों को सस्ता उपचार मिल सके।
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बुटिक संचालक रजनी चौहान का कहना है कि कपड़ों पर जीएसटी लागू होने का असर कपड़ों के रेट पर पड़ेगा। कपड़े महंगे होंगे। जिससे महिलाओं का बजट बिगड़ेगा। क्योंकि अधिकांश परिवारों में आज भी महिलाएं अपने बच्चों व स्वयं के लिए कपड़े खरीदती हैं। पुरूष समाज कपड़ों की खरीददारी से दूर रहता है। इसलिए जीएसटी लागू होने से कपड़े महंगे होंगे और उसका सीधा असर महिलाओं के बजट पर पड़ेगा।
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गृहणी संजीत कौर का कहना है कि सरकार द्वारा रसोई में प्रयोग होने वाले कुछ खाद्य पदार्थो पर जीएसटी लगाया गया है। जिससे रसोई का बजट प्रभावित हो सकता है। उन्होंने रसोई में प्रयोग होने वाले मसालों व अन्य जिन्हें जीएसटी के दायरे में लाया गया है उन्हें टैक्स से मुक्त करना चाहिए। क्योंकि खाद्य पदार्थों व उनके इनपुट पर लगाए गए टैक्स का अमीर आदमी की रसोई पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।
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मेयर सरोज बाला का कहना है कि अधिकांश महिलाओं को जीएसटी के बारे में जानकारी ही नहीं है। शिक्षित महिलाएं जीएसटी के फायदों व नुकसान के बारे में समझती हैं, लेकिन आम घरेलु महिला जीएसटी के बारे में नहीं जानती है। उसे जीएसटी का खौफ खा रहा है। सरकार को चाहिए कि जीएसटी के बारे में ग्रामीण इलाकों व स्लम बस्तियों आदि में शिविर लगाकर महिलाओं को जागरूक करे।
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शिक्षिका पल्लवी का कहना है कि सरकार ने शिक्षा को जीएसटी से बाहर रखा है। लेकिन आज शिक्षा के क्षेत्र में नई टेक्नॉलोजी का प्रयोग हो रहा है। जिसमें लैपटॉप व कंप्यूटर समेत अन्य उपकरण अहम भुमिका निभा रहे हैं। जीएसटी में लैपटॉप व कंप्यूटर समेत अन्य शिक्षा क्षेत्र में प्रयोग होने वाले उपकरणों पर टैक्स लगा दिया है। जिससे इन उपकरणों के महंगे होने से विद्यार्थी भी प्रभावित होंगे।