तलाक लिख शौहर के भान्जे से किया निकाह, मौलवी बोला- महिला को नहीं है इसका हक
मुस्लिम महिला ने कागज में पति को तलाक लिखा और पति के भांजे के साथ रहने लगी। वहीं, मौलवी का कहना है कि उनके धर्म में महिला को तलाक लेने का हक नहीं है।
जेएनएन, यमुनानगर। गांव नागल निवासी एक मुस्लिम महिला ने अपने भांजे से निकाह कर लिया, जबकि उसके पहले शौहर ने उसे तलाक भी नहीं दिया। महिला खुद एक कागज पर तलाक लिखकर 15 जुलाई को घर छोड़कर चली गई थी। उसके पहले पति से तीन बच्चे हैं। आलिमों के मुताबिक इस्लाम में बीवी को तलाक देने का हक नहीं है। गांव टोडरपुर के निवासी मौलवी मुंतजीर अख्तर ने बताया कि शरीयत में केवल शौहर को ही तलाक का हक दिया गया है।
महिला के पति शिकायत पर पुलिस ने तलाश शुरू की तो उसकी बीवी सहारनपुर (उप्र) के लखनौती कस्बे में मिली। वह वहां शौहर के रिश्ते के भान्जे नसीम के साथ रह रही थी। नसीम कुछ दिन पहले नागल गांव में ही रहता था। पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश किया तो उसने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में कहा कि उसका शौहर शादी के बाद से ही उसके साथ मारपीट करता था, इसलिए वह तलाक देकर उसे छोड़ आई है।
दस साल पहले हुआ था निकाह
महिला ने तलाक की जो चिट्ठी लिखी थी वह उसके पहले पति के भतीजे को मिली तो उसने उसे दी। महिला का मायका गांव उन्हेड़ी में है। उसका दस साल पहले निकाह हुआ था। शादी के बाद पांच बच्चे हुए। इनमें से दो की मौत हो गई।
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