पहाड़ियों से निकलने वाले पानी को किया जाएगा संचय
शिवालिक की पहाड़ि़यों से निकलने वाले बरसाती पानी से होने वाले भूमि कटाव को रोकने में रेन वाटर हार्वेस्टिंग डैम बहुत मददगार होते हैं।
संवाद सहयोगी, खिजराबाद : शिवालिक की पहाड़ि़यों से निकलने वाले बरसाती पानी से होने वाले भूमि कटाव को रोकने में रेन वाटर हार्वेस्टिंग डैम बहुत मददगार होते हैं। डैम के पानी को सिचाई में इस्तेमाल के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उक्त विचार फैजपुर के समीप जंगल में बने वाटर डैम के निरीक्षण के दौरान डीएफओ सूरज भान ने कहे।
वन विभाग द्वारा पहाड़ियों के तेज बरसाती पानी को कंट्रोल करने के लिए आमवाली, खिल्लौंवाला, बागपत, खिजरी व फैजपुर में चेकडैम बनाए गए हैं। पानी के तेज बहाव में हर साल वाटर डेम क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। जिन की हर साल मरम्मत की जरूरत पड़ती है। वन विभाग द्वारा वाटर डैम की रिपेयर का काम तेजी
से किया जा रहा है। कई डैम की रिपेयर का कार्य पूरा कर लिया गया है। कलेसर फारेस्ट रेंज अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि जंगल में बनाए गए वाटर डैम बरसात के दिनों में बहुत ही सहायक होते हैं। उन्होंने बताया कि खिजरी गांव में नुकड़िया एरिया में बनाया गया डैम का पानी कृषि सिचाई में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी तरह बागपत, कांसली में भी प्रयास किए जा रहे हैं कि बरसाती पानी को खेती के लिए प्रयोग में लाया जा सके। डीएफओ सूरज भान ने बताया कि कलेसर रेंज एरिया में बनाए गए वाटर हार्वेस्टिंग डैम की रिपेयर का कार्य मानसून सीजन से पूर्व ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होने बताया कि कई डैम की रिपेयर का काम कम्पलीट भी हो चुका है।