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इंतजार में बढ़ रहा मर्ज, सप्ताह बाद मिलती डेंगू की रिपोर्ट

इस समय लोगों में डेंगू को लेकर भय बना हुआ है। निजी चिकित्सक 50 प्रतिशत मरीजों को डेंगू होने का दावा कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में यह संख्या नाममात्र की है। 157 संदिग्ध केसों की रिपोर्ट विभाग को मिली है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 07:00 AM (IST)
इंतजार में बढ़ रहा मर्ज, सप्ताह बाद मिलती डेंगू की रिपोर्ट
इंतजार में बढ़ रहा मर्ज, सप्ताह बाद मिलती डेंगू की रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : इस समय लोगों में डेंगू को लेकर भय बना हुआ है। निजी चिकित्सक 50 प्रतिशत मरीजों को डेंगू होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में यह संख्या नाममात्र की है। 157 संदिग्ध केसों की रिपोर्ट विभाग को मिली है। इसमें से 17 केस कनफर्म हुए हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट मिलने में कई दिन लग जाते हैं, जिससे मरीज को इंतजार करना पड़ता है, जबकि निजी चिकित्सक डेंगू कार्ड से जांच कर तुरंत रिपोर्ट दे देते हैं।

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दरअसल, निजी चिकित्सक डेंगू कार्ड के जरिये जांच करते हैं। इसे स्वास्थ्य विभाग सही नहीं मानता, इसलिए निजी अस्पतालों से संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट सरकारी अस्पताल में आती है। यहां पर एलाइजा टेस्ट होता है। इसमें एक ट्रे लगती है, जिसमें एक बार में 10 सैंपल लिए जाते हैं। इनकी रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन का समय लग जाता है। अब मरीज के सामने यही परेशानी होती है कि वह निजी चिकित्सक की बात मानें या फिर स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट का इंतजार करें।

2014 में मिले थे सबसे कम केस

वर्ष - डेंगू मरीज

2012- 18

2013- 56

2014- 2

2015- 122

2016- 65

2017- 70

2018- 42

2019- 17

यहां मिले डेंगू के केस

शांति कॉलोनी, आदर्श नगर कैंप, मॉडल कॉलोनी, छोटा मॉडल टाउन, गांधीधाम, मॉडल कॉलोनी, रामनगर, संजय विहार कॉलोनी, अराइयावाला, शादीपुर, तेजली, खानपुर, ईस्ट भाटिया नगर, शास्त्री कॉलोनी, न्यू हमीदा कॉलोनी और विशाल नगर।

साफ पानी में पनपता है डेंगू

डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्वे कराया जा रहा है। अभी बरसात भी हुई। इससे भी लोगों की छतों पर पड़े बर्तनों और टायरों में पानी जमा हो गया है, जिस पर लोग ध्यान नहीं देते। दूसरा कूलर अब बंद हैं, लेकिन कुछ घरों में उसमें पानी भरा रहता है। उसमें लारवा पनपने की आशंका रहती है। विभाग की टीमें घरों में जाकर इस बारे में लोगों को बता रही है। इसके लिए 40 टीमें बनाई गई हैं।

सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि फिलहाल 17 मरीज डेंगू के मिले हैं। अब रिपोर्ट भी दो दिन के अंदर मिल रही है। यदि किसी को शुरुआत में वायरल होता है। ऐसे में जरूरी है कि मरीज पैरासिटामॉल की गोलियां लें। निजी अस्पतालों में कार्ड से होने वाला टेस्ट मान्य नहीं है। डेंगू का सही पता एलाइजा टेस्ट में लगता है।


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