कुकर्मियों को फांसी की सजा से जगी पीड़ितों में न्याय की उम्मीद
पोक्सो एक्ट में संशोधन से अब बच्चों के साथ कुकर्म करने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान होने से जिले के 70 लोगों की जान पर बन आई है। क्योंकि इस साल में 70 आरोपितों पर बच्चों से कुकर्म का केस दर्ज हुआ है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पोक्सो एक्ट में संशोधन से अब बच्चों के साथ कुकर्म करने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान होने से जिले के 70 लोगों की जान पर बन आई है। क्योंकि इस साल में 70 आरोपितों पर बच्चों से कुकर्म का केस दर्ज हुआ है। उनका केस कोर्ट में विचाराधीन है। कानून के जानकार व जागरूक लोगों ने इस नए प्रावधान का स्वागत किया है। उनका मानना है कि अब शायद कुकर्म के केसों में गिरावट आएगी। हर माह जिले में छह केस दर्ज होते है
पुलिस विभाग के आंकड़े बता रहे हैं कि हर माह में जिले में बच्चों से कुकर्म के छह केस दर्ज होते है। कई केस ऐसे होते है। जिसमें पीड़ित पक्ष समाज में कारण अपनी जुबा बंद रखता है। बच्चों में यौन शोषण के प्रति जागरूकता आए इसके लिए पुलिस व बाल संरक्षण यूनिट की ओर से अभियान चलाए जाते हैं। जिससे बच्चों में जागरूकता भी दिख रही है। हर माह से छह से सात केस इस तरह के सामने आ जाते हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के लीगल अधिकारी रंजन शर्मा ने बताया कि इससे निश्चित ही अपराध में गिरावट आएगी। ये अच्छा फैसला है। वह खुद स्कूल में जाकर बच्चों को जागरूक भी करते हैं। उनको गुड व बेड टच के बारे में जानकारी दी जाती है। बच्चों को बताया जाता है कि अनजान पर विश्वास कतई न करे। अपने साथ होने वाली किसी भी घटना की जानकारी परिवार के लोगों को दें। जिससे समय रहते आरोपित को पकड़ा जा सके। लीगल अधिकारी होने के नाते इस तरह के केस वह खुद ढील करते हैं। केस को अंजाम तक ले जाते हैं। अब सौ बार सोचेगा आरोपित
एडवोकेट वरयाम ¨सह का कहना है कि पोक्सो कानून में संशोधन से लोगों की मानसिकता बदलेगी। इस प्रकार की घटना को अंजाम देने से पहले 100 बार सोचेगा।
चंद दिनों पहले स्थानीय कोर्ट सुना चुकी कड़ा फैसला
घाड़ एरिया में बच्चे से कुकर्म कर पड़ोसी ने हत्या कर शव तालाब में फेंक दिया था। चंद दिनों पहले केस की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने आरोपित को कड़ी सजा सुनाई थी। पीड़ित के परिवार ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया था।