डेरा प्रेमी की आंखों से रोशन होंगे दो जीवन,पार्थिव शरीर पर एम्स में होगा शोध
डेरा प्रेमी रूलदाराम के पार्थिक शरीर पर एम्स ऋषिकेश में शोध होगा। डेरा प्रेमियों ने उनकी इछा के मुताबिक शरीर को उत्तराखंड के ऋषिकेश में भिजवाया है। उनकी आंखों को भी दान किया गया है ताकि कोई और दुनिया देख सके। सोमवार को उनके निधन के बाद नामचर्चा घर से पार्थिव शरीर को पुष्प अर्पित कर रवाना किया गया।
संवाद सहयोगी, रादौर : डेरा प्रेमी रूलदाराम के पार्थिक शरीर पर एम्स ऋषिकेश में शोध होगा। डेरा प्रेमियों ने उनकी इच्छा के मुताबिक, शरीर को उत्तराखंड के ऋषिकेश में भिजवाया है। उनकी आंखों को भी दान किया गया है, ताकि कोई और दुनिया देख सके। सोमवार को उनके निधन के बाद नामचर्चा घर से पार्थिव शरीर को पुष्प अर्पित कर रवाना किया गया।
ब्लाकभंगी दर्शन लाल इंसा ने बताया कि डेरा प्रेमी ने मौत के बाद शरीर को न जलाए जाने की इच्छा जताई थी, ताकि उनके शरीर के अंग किसी अन्य के काम आ सके। वह बचपन से ही डेरा सच्चा सौदा से जुड़े रहे और मानवता के प्रति समर्पित रहे। परिवार के लोगों ने भी उनकी इच्छा का सम्मान किया गया। निधन के बाद साध संगत ने अरदास की और पुष्प अर्पित किए। इसके बाद उनके शरीर को उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित एम्स भेजा गया। जहां मेडिकल के छात्र उनके शरीर पर शोध कर सकेंगे। इसके अलावा उनकी आंखों को भी दान किया गया है। डेरा प्रेमी रूलदा राम के पास एक ही बेटी है, जो अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी है। उनका कहना है कि पिता ने डेरा सच्चा सौदा से जुड़कर जीवन भर मानवता के लिए कार्य किया। अब मरने के बाद भी उनका शरीर मानवता के काम आएगा। इस फैसले से वह पिता पर गर्व महसूस कर रही है।
भारी संख्या में जुटे डेरा प्रेमी :
रूलदा राम के निधन पर भारी संख्या में डेरा प्रेमी जुटे। यहां पर पहुंचे हेम सिंह, पूर्व सरपंच घिलौर मनोज शर्मा, जसपाल, नरेश, जसवंतराय इंसा, जयराम, मोहनलाल, अंकुश, फूल कुमार, भगतपाल, इंदू, चलती देवी, धनीराम ने भी उनके पार्थिक शरीर को पुष्प अर्पित किए। उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा हमेशा से ही मानवता के लिए कार्य कर रहा है।
पहले भी दान कर चुके शरीर :
इससे पहले भी जिले से करीब 150 लोग शरीर दान कर चुके हैं। मौत के बाद उनकी आंखों से भी कोई दुनिया देख रहा है। इसी तरह से शरीर के भी कुछ अंग जरूरतमंदों के काम आ रहे हैं।