नालों में पोलिथिन डाला तो 25 हजार जुर्माना, सीसीटीवी से होगी निगरानी
ट्विन सिटी के नालों में कचरा डालना महंगा पड़ सकता है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर: ट्विन सिटी के नालों में कचरा डालना महंगा पड़ सकता है। एनजीटी के निर्देशों की पालना करते हुए नगर निगम ने ऐसा करने वालों पर शिकंजा कसने का निर्णय लिया है। नालों में पोलिथिन डालने पर 25 हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा। सात अलग-अलग स्थानों पर गुप्त कैमरे भी लगाए जाने की योजना है। बता दें कि यमुनानगर-जगाधरी में छोटे-बड़े नाले रिहायशी क्षेत्रों के बीचोंबीच बह रहे हैं। निर्धारित स्थान पर कचरा डालने के बजाय लोग नाले में बहा देते हैं। इससे सीवर लाइन अट जाने से निकासी बाधित होती है और प्रदूषण को भी बढ़ावा मिलता है। अब इस समस्या पर नगर निगम गंभीर हुआ है। सीवर में जा रही यह पोलिथिन
यमुनानगर और जगाधरी शहर में नगर निगम के छोटे-बड़े 32 नाले हैं। मुख्य नाला जगाधरी से निकलकर यमुनानगर की दर्जनभर कॉलोनियों से होता हुआ पश्चिमी यमुना नहर के किनारे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में गिर रहा है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक नालों की सफाई का पहला राउंड पूरा हो चुका है। दूसरा राउंड जल्दी ही शुरू हो जाएगा। बारिश से पहले सभी नालों की सफाई की जाएगी। इन कॉलोनियों में बढ़ जातीं मुश्किलें
नालों की निकासी बाधित होने से यमुनानगर-जगाधरी में कई कॉलोनियों में जल भराव हो जाता है। जगाधरी में रेलवे बाजार, झंडा चौक, पत्थरों वाला बाजार, पटरी मुहल्ला, पुलिस गेट, बूड़िया चौकी, यमुनानगर में प्रोफेसर कालोनी, पुराना मॉडल टाउन, लाजपत नगर, आजाद नगर, जिदल पार्क के सामने, खालसा कॉलेज रोड, रेलवे स्टेशन, पुराना हमीदा वाल्मीकि बस्ती, लाजपत नगर सहित कई कॉलोनियों में पानी की निकासी बाधित होने से घरों और दुकानों में पानी घुस जाता है। कब्जाधारियों को दिए जाएंगे नोटिस
शहर के बीचोबीच से गुजर रहा बड़ा नाला कई जगह से कवर है। नाले पर भवन बने हैं। कवर होने के कारण इन नालों की नियमित रूप से सफाई नहीं हो पाती और गंदगी से अटे रहते हैं। खास बात यह है कि नालों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए प्रशासन की ओर से भी आज तक कदम नहीं उठाए गए। इस नाले पर कई जगह स्थाई कब्जे किए हैं, जिस कारण नालों की सफाई करने में बाधा उत्पन्न होती है। निगम की ओर से उन जगहों का सर्वे किया जा रहा है जहां-जहां अवैध कब्जे हैं। इनको नोटिस जारी किए जाएंगे। पोलिथिन का इस्तेमाल स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए नुकसानदायक है। इसके जलाने से जहरीली गैस निकलती है जो दमा, खांसी, आंखों की बीमारी और कैंसर जैसी भयानक बीमारियां होती हैं। इसके इस्तेमाल से नाले और नालियां ब्लॉक होती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 40 से 50 माइक्रोन तक के पोलिथिन ही रिसाइकल हो सकते हैं। इसलिए पोलिथिन का इस्तेमाल न करें। घर पर भी हमें मिट्टी और उपयोगी धातु का ही प्रयोग करना चाहिए।
पूजा चांवरिया, कमिश्नर, नगर निगम।
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