ट्रयूनेट मशीन से होगी टीबी के मरीजों की जांच
-मशीन से पता लगेगा टीबी के मरीजों की स्टेज का -दो मशीनें लगेगी जिले के अस्पतालों में अवनीश
-मशीन से पता लगेगा टीबी के मरीजों की स्टेज का
-दो मशीनें लगेगी जिले के अस्पतालों में अवनीश कुमार, यमुनानगर :
कोरोना महामारी में टीबी के मरीजों को अधिक खतरा रहता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग अब ऐसे मरीजों की पहचान कर रहा है, जो अस्पतालों तक नहीं आ पाते। इन मरीजों की जांच के लिए जगाधरी सिविल अस्पताल व रादौर सीएचसी में ट्रयूनेट मशीन लगाई जाएगी। इस मशीन से टीबी के मरीजों की जांच आसान होगी और मरीज की टीबी की स्टेज का पता लगेगा। जिसके आधार पर इलाज शुरू किया जाएगा। राष्ट्रीय उन्नमूल कार्यक्रम के तहत यह दोनों मशीनें लगाई जा रही है। आशा वर्कर कर रही संदिग्ध मरीजों की पहचान :
स्वास्थ्य विभाग ने आशा वर्करों की टीम तैयार की है। जो अब घर-घर जाकर उन लोगों की पहचान करेगी। जिनमें टीबी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इसके तहत ऐसे लोगों का पता लगाया जाएगा कि जिन्हें दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, शाम को बुखार आना, वजन का कम होना, भूख न लगना जैसे लक्षण हैं। ऐसे सभी लोगों के सैंपल लेकर ट्रयूनेट मशीन में चेक कराए जाएंगे। 500 रुपये पोषण के लिए मिल रहे मरीजों को :
स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2023 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत मरीजों को पोषण के लिए भी 500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं। अक्सर लोग टीबी के लक्षणों को नजर अंदाज कर देते हैं। जिससे यह बीमारी गंभीर बन जाती है। शुरूआती स्टेज में इस बीमारी का पता लग जाए, तो मरीज जल्दी ठीक हो जाता है। यदि उसमें एमडीआर(मल्टी ड्रग रजिस्टेंस) के लक्षण हैं, तो उसका लंबा इलाज चलता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों की पहचान कर रहा है। जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गाड़ी भी लगाई है। जिसके जरिए संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों को जांच कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। यह स्थिति टीबी के मरीजों की :
2018 - 2114 2019 - 2594 2020 - 1986 एमडीआर वाले मरीज 2018 - 53 2019 - 66 2020 - 32 मरीज के मोबाइल में इंस्टॉल होगा टोल फ्री नंबर :
उप सिविल सर्जन(टीबी) डा. चारू कालडा ने बताया कि टीबी की जानकारी के लिए 0120-6215600 पर कॉल की जा सकती है। जिस पर काउंसलिग की जाएगी। मरीजों के मोबाइल में टोल फ्री नंबर 1800-116-666 भी इंस्टॉल कराया जा रहा है। जिससे वह किसी भी समय दवाईयों व इलाज के संबंध में जानकारी ले सकता है। कोट्स :
सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि टीबी के मरीजों को कोरोना खतरा रहता है। अक्सर लोग इसके लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते। जिससे उन्हें टीबी होने के साथ-साथ कोरोना भी हो सकता है। वह दूसरों के लिए भी खतरा बन सकते हैं। इसलिए ही विभाग की ओर से टीबी के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों की पहचान की जा रही है, ताकि उनका इलाज शुरू किया जा सके।