प्रशासन भी ऑटो चालकों से परेशान, चलेगी शहर में सिटी बस, बनाई प्लान
शहर में चल रहे ऑटो चालकों की मनमर्जी से केवल सड़क पर चलने वाले लोग ही नहीं बल्कि जिला प्रशासन भी परेशान हो गया है। बेलगाम हो चुके ऑटो पर लगाम कैसे कसी जाए इसके लिए अधिकारियों ने काफी देर तक मंथन किया। काफी माथा-पची के बाद एडीसी एवं आरटीए केके भादू ने रोडवेज जीएम को शहर में बस चलाने का प्लान तैयार करने को कहा है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
शहर में चल रहे ऑटो चालकों की मनमर्जी से केवल सड़क पर चलने वाले लोग ही नहीं, बल्कि जिला प्रशासन भी परेशान हो गया है। बेलगाम हो चुके ऑटो पर लगाम कैसे कसी जाए इसके लिए अधिकारियों ने काफी देर तक मंथन किया। काफी माथा-पच्ची के बाद एडीसी एवं आरटीए केके भादू ने रोडवेज जीएम को शहर में बस चलाने का प्लान तैयार करने को कहा है। सिटी बस शहर के कौन-कौन से रूट पर चलेगी इस पर रोडवेज के अधिकारी विचार विमर्श करेंगे। ऑटो से कम होगा किराया, 25 हजार लोगों को फायदा
यदि शहर में बस चलाने का अधिकारियों का प्लान कामयाब होता है तो इससे हर रोज 25 हजार से ज्यादा लोगों को फायदा होगा। क्योंकि बस का किराया ऑटो से आधा ही होगा। दूसरा लोगों को अपनी जान भी जोखिम में नहीं डालनी पड़ेगी। क्योंकि अभी तो तीन सीट वाले ऑटो में 10 या इससे अधिक सवारी लेकर चल रहे हैं। यहां तक की ऑटो चालक अपने दाएं-बाएं भी तीन-तीन सवारियां बिठाकर चल रहा है। इसी माह न्यू मार्केट के नजदीक ऑटो चालक के साथ अगली सीट पर बैठे युवक के बैग की तनी हैंडल में फंस गई थी। जिस कारण ऑटो का संतुलन बिगड़ गया और युवक की नीचे गिरने से मौत हो गई थी। सवारी को देखते ही कहीं भी लगा देते ब्रेक
शहर में ऑटो खड़ा करने के 28 प्वाइंट चिह्नित हैं जहां पर एक साथ पांच से ज्यादा ऑटो खड़े नहीं हो सकते। इसके बावजूद वहां ऑटो झुंड में खड़े होते हैं। कुछ साल पहले ट्रैफिक पुलिस ने रेलवे स्टेशन, भगत सिंह चौक, यमुनानगर बस स्टैंड, जगाधरी बस स्टैंड, महाराजा अग्रसेन चौक, कमानी चौक व जगाधरी वर्कशाप समेत कुछ जगहों पर ऑटो स्टैंड बनाए थे। परंतु ऑटो यहां खड़े होने की बजाय सड़क पर ही खड़े होते हैं। सवारी को देखते ही चालक कहीं भी ब्रेक लगा देते हैं। कई बार तो पीछे से आ रहा वाहन ऑटो में भिड़ने से बचता है। इसके अलावा ये गलियों में भी चल रहे हैं जिससे शहर में जाम रहता है। प्रशासन की चेतावनी के बाद भी ऑटो चालकों में कोई सुधार नहीं आया है। पहले चलकर बंद हो चुकी है सिटी बस :
कुछ साल पहले रोडवेज ने रेलवे स्टेशन यमुनानगर व जगाधरी वर्कशाप के बीच दो बस चलाई थी। परंतु इस रूट पर सवारी कम होने से बस को बंद करना पड़ा। क्योंकि बसों का डीजल खर्च भी पूरा नहीं हो रहा था। तब एक बस स्टेशन पर पहुंचती थी तो दूसरी चल जाती थी। लेकिन अब ये फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि यूनियन ऑटो का किराया 10 से 15 रुपये करने जा रही है। तीन रूट पर चले बस तभी फायदा :
एक्सपर्ट की माने तो शहर में सिटी बस तभी कामयाब हो सकती है जब तीन रूट पर बस चले। एक रूट जगाधरी बस स्टैंड से अग्रसेन चौक होते हुए रेलवे स्टेशन यमुनानगर जाए। इस रूट पर सबसे ज्यादा प्राइवेट व एक सरकारी अस्पताल व ट्रॉमा सेंटर है। दूसरा रेलवे स्टेशन यमुनानगर से जगाधरी वर्कशॉप तक चले क्योंकि दोनों स्टेशन से बस स्टैंड यमुनानगर के लिए काफी सवारी है। साथ ही लोग खरीदारी के लिए भी जाते हैं। तीसरा रूट जगाधरी वर्कशाप से जगाधरी बस स्टैंड तक बनेगा। इस तरह पूरा शहर इसमें कवर हो जाएगा। तीन रूट के लिए छह बसें चाहिए ताकि एक तरफ से बस चले तो दूसरी साइड से बस रवाना हो जाए। रूट प्लान तैयार करने को कहा है : केके भादू
एडीसी एवं आरटीए केके भादू ने बताया कि ऑटो चालकों की मनमर्जी पर सख्ती की जा रही है। मैंने खुद भी बिना कागजों के चल रहे ऑटो पकड़े हैं। रोडवेज जीएम को सिटी बस चलाने का प्लान बनाने को कहा है।