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बड़ी सौगातें : उप्र व हरियाणा में आवागमन होगा आसान, विकसित होंगी 69 कालोनियां

इस साल में जिला को कई बड़ी सौगातें मिलने की उम्मीद हैं। इनमें उप्र व हरियाणा में आवागमन के लिए यमुना नदी पर पुल व शहर की 69 कालोनियों का विकसित होना खास है। दोनों परियोजनाएं लंबे समय से अटकी हुई थी लेकिन अब कुछ कदम आगे बढ़ी हैं। पुल का 70 फीसद काम पूरा हो चुका है जबकि कालोनियों में जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 07:05 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 07:05 AM (IST)
बड़ी सौगातें : उप्र व हरियाणा में आवागमन होगा आसान, विकसित होंगी 69 कालोनियां

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : इस साल में जिला को कई बड़ी सौगातें मिलने की उम्मीद हैं। इनमें उप्र व हरियाणा में आवागमन के लिए यमुना नदी पर पुल व शहर की 69 कालोनियों का विकसित होना खास है। दोनों परियोजनाएं लंबे समय से अटकी हुई थी, लेकिन अब कुछ कदम आगे बढ़ी हैं। पुल का 70 फीसद काम पूरा हो चुका है जबकि कालोनियों में जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली हैं। हालांकि इनमें सीवरेज व पेयजल का काम चल रहा है। इसके अलावा बाडी माजरा में पुल का निर्माण, ट्विन सिटी में वेंडिग जोन की सुविधा मिलने की भी उम्मीद है। इनसेट

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दोनों राज्यों को मिलेगा लाभ

यमुना नदी पर बनाए जा रहे पुल की कुल लंबाई करीब चार किलोमीटर है। परियोजना पर कुल 104.50 करोड़ रुपये खर्च आएगा। इस बनाने पर 67 करोड़ रुपये खर्च आएगा, जबकि बाकी पैसा अधिग्रहण की गई की कीमत बताई जा रही है। यमुना नदी पर कलानौर से लेकर करनाल के शेरगढ़ टापू तक अन्य कोई पुल नहीं है। नगली घाट पर पुल का निर्माण होने से हरियाणा सहित उत्तर प्रदेश के लोगों को भी फायदा होगा। यह पुल हरियाणा से सहारनपुर के नकुड़ को जोड़ेगा। इससे एरिया के लोगों को 30 किमी दूर से घूमकर नहीं आना पड़ेगा। दूसरा बड़ा लाभ उन किसानों को होगा, जिनकी यमुना के पार जमीन पड़ती है। उन्हें बरसात के दिनों में अपने खेतों में जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है।

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हरियाणा के इन गांवों को होगा फायदा

जठलाना क्षेत्र के गांव संधाला, संधाली, माजरी, गुमथला, एमटी करहेडा, जठलाना, उन्हेडी, बागवाली, पौबारी, निकुंभ आदि गांवों के किसानों की यमुना नदी पार लगभग पांच हजार एकड़ भूमि है। इस पर किसान खेती कर रहे हैं। यमुना में बाढ़ आने पर किसान नदी पार खेतों में नहीं जा पाते। इसके लिए उन्हें कलानौर के रास्ते उत्तर प्रदेश के नसरूलागढ़ व टाबर गांव का सहारा लेना पड़ता है। इससे धन व समय खराब होते हैं। पूर्व जिला परिषद सदस्य शिव कुमार संधाला का कहना है कि पुल के निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके चालू होने से क्षेत्रवासियों को लाभ होगा। इनसेट

69 कालोनियों में डेढ़ लाख की आबादी को फायदा

दो वर्ष पहले नियमित हुई यमुनानगर-जगाधरी की 69 कालोनियों में इस वर्ष विकास कार्य पूरे होने की उम्मीद है। इनमें सड़कों के निर्माण व पानी की निकासी के कार्यों के लिए आठ करोड़ रुपये का बजट बुक किया गया है। इन कार्यों के छोटे-छोटे टेंडर लगाए जाएंगे ताकि समय पर पूरे करवाए जा सकें। अधिकांश कालोनियां 35-40 वर्ष पुरानी हैं। इन कालोनियों में विकास कार्य होने से करीब डेढ़ लाख की आबादी को फायदा होगा। बता दें कि इन कालोनियों में अब तक विकास कार्य बजट की कमी के कारण शुरू नहीं हो पाए। हालांकि कुछ कालोनियों में एमसी फंड से काम शुरू हो गए हैं। जिन कालोनियों को नियमित किया गया है, फिलहाल उनमें मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। सड़कें कच्ची पड़ी हैं। पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। अधिकांश में पेयजल व स्ट्रीट लाइट भी नहीं है। थोड़ी सी बारिश होने पर गलियां जलमग्न हो जाती हैं। घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।


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