हिदी जैसी कोई भाषा नहीं, बोलचाल में करें इसका अधिक उपयोग
क्षेत्र में हिदी दिवस पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। उनमें हिदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने पर बल दिया गया। बसंतपुरा के संत रविदास आश्रम में आशाराम गोमती देवी चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ चेयरमैन पोलाराम ने किया।
संवाद सहयोगी, रादौर : क्षेत्र में हिदी दिवस पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। उनमें हिदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने पर बल दिया गया।
बसंतपुरा के संत रविदास आश्रम में आशाराम गोमती देवी चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ चेयरमैन पोलाराम ने किया। उन्होंने कहा कि हम चाहे कितनी भी भाषा बोलते हों, लेकिन हमें अपनी राष्ट्र भाषा हिदी का सम्मान करना चाहिए। हिदी हमारी राष्ट्रभाषा है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी का यह दायित्व बनता है कि अपनी राष्ट्रभाषा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए।
मुकंदलाल कॉलेज में प्रिसिपल डॉ. दीपक कौशिक ने कहा कि हिदी हमारी मातृभाषा है। हम अपने मन के भावों को जितनी सरलता से अपनी मातृभाषा में व्यक्त कर सकते हैं, उतना किसी अन्य भाषा में नहीं कर सकते। मौके पर प्रो. धीरज रानी, नीतू कांबोज, माधुरी, नवीन भारद्वाज, आशीष भल्ला, डोली, रोहित, प्रदीप कुमार मौजूद रहे।
इंडियन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में चेयरमैन ईश मेहता ने कहा कि हिदी हृदय की गहराई को छूने वाली भाषा है। हिदी जन-जन की भाषा है। हरियाणा ग्रामीण बैंक की रादौर शाखा के मैनेजर प्रदीप पंजेटा ने स्टाफ सदस्यों को हिदी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने की शपथ दिलवाई। पंजेटा ने कहा कि हिदी हमारी राजभाषा है। हमें सौ प्रतिशत कार्य हिदी में करना चाहिए। लाइक पब्लिक स्कूल में हिदी भाषा से संबंधित कवियों एवं लेखकों के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डाला गया। हिदी भाषा के क्षेत्र में माखन लाल चतुर्वेदी, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, रामधारी सिंह दिनकर, हरिवंश राय बच्चन और महादेवी वर्मा जैसे साहित्यकारों के महान योगदान को याद किया गया।