रात से लेकर सुबह होने तक गन्ना लेकर आए ट्रॉलों से शहर में रहा जाम, सड़कों पर रेंगते रहे वाहन
शुगर मिल में गन्ने का सीजन शुरू होते ही शहर के लोगों की मुसीबत भी बढ़ जाती है। ट्रैक्टर ट्रॉलियों व ट्रकों में ओवरलोड गन्ना आता है। हालात यह होते हैं कि आसपास से कोई अन्य वाहन इन गन्ने से लदे ट्रकों या ट्रॉलियों के पास से नहीं निकल सकता। इसकी वजह से जाम लग जाता है। रात को सबसे अधिक दिक्कत आती है, क्योंकि गन्ने के वाहन रात को ही चलते हैं। अक्सर इन वाहनों से गन्ना भी सड़क गिरता है, जिससे अन्य वाहन चालकों को परेशानी होती है। बुधवार की रात भी ऐसा ही हुआ। बड़े ट्राले से गन्ना निकल रहा था।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
शुगर मिल में गन्ने का सीजन शुरू होते ही शहर के लोगों की मुसीबत भी बढ़ जाती है। ट्रैक्टर ट्रॉलियों व ट्रकों में ओवरलोड गन्ना आता है। हालात यह होते हैं कि आसपास से कोई अन्य वाहन इन गन्ने से लदे ट्रकों या ट्रॉलियों के पास से नहीं निकल सकता। इसकी वजह से जाम लग जाता है। रात को सबसे अधिक दिक्कत आती है, क्योंकि गन्ने के वाहन रात को ही चलते हैं। अक्सर इन वाहनों से गन्ना भी सड़क गिरता है, जिससे अन्य वाहन चालकों को परेशानी होती है। बुधवार की रात भी ऐसा ही हुआ। बड़े ट्राले से गन्ना निकल रहा था। इस ट्राले में गन्ना इस तरह से भरा था कि उसके पास से कोई वाहन भी नहीं निकल सकता था। इसकी वजह से जाम लगा रहा। रात को नेशनल हाईवे पर करीब दो किमी लंबा जाम लगा रहा। वाहन भी रेंग-रेंगकर चलते रहे। सुबह भी यही हालात रहे। इस दौरान हाईवे पर ही एक गन्ने से भरी ट्रॉली पलट गई थी। इसकी वजह से भी लोग जाम से जूझते रहे।
बुधवार रात दस बजे
बुधवार की रात गाबा हॉस्पिटल से लेकर विश्वकर्मा चौक तक वाहनों की लंबी लाइन लगी थी। करीब दो किमी लंबा जाम लगा था। शादियों के सीजन ने और मुसीबत बढ़ा दी। रात के समय शादी समारोह से लौट रहे लोगों के वाहन जाम में फंसे रहे। बाइक सवार को किसी तरह से निकल गए, लेकिन अन्य गाड़ियां जाम में फंस गई। यहां पर जाम लगने का मुख्य कारण एक ट्रॉला था। शादी समारोह से लौट रहे प्रताप ¨सह ने बताया कि गन्ना ट्रॉले से बाहर निकल रहा था। सड़क पर यह ट्रॉला इस तरह से चल रहा था कि उसके पास से कोई वाहन भी नहीं निकल सकता था।
सुबह नौ बजे
रात को लगे जाम से लोग जूझते रहे। दिन में भी यही हालात दिखे। नेशनल हाईवे पर गन्ना लेकर आ रही एक ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई थी। इसकी वजह से पूरा रोड अवरूद्ध हो गया था। सुबह स्कूल, कॉलेज व नौकरियों पर जाने वाले लोगों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ी। जाम लगने की वजह से रास्ते में ही उन्हें बस से उतरकर पैदल अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। गन्ने की ट्रॉली बीच सड़क में पलटी थी। इसकी वजह से आसपास से केवल बाइक ही निकल सकती थी। जबकि अन्य वाहन वहीं खड़े रहे।
सुबह दस बजे
सुबह करीब दस बजे पुलिस आई। पुलिस ने ट्रॉली को हटवाया। इसके बाद ही यातायात सामान्य हो सका। हालांकि पूरी तरह से जाम खुलने में भी करीब आधा घंटा लगा। इस दौरान वाहन दोनों और जाम में फंसे रहे। गुमथला निवासी राजेश कुमार ने बताया कि वह भी सुबह ड्यूटी पर जाने के लिए आ रहा था। रास्ते में जाम लगा था, इसलिए बस से उतरकर पैदल ही जाम से निकला। फिर ऑटो लेकर ड्यूटी पर पहुंचा।
शुगर मिल की है लापरवाही
दरअसल, शुगर मिल में गन्ना लेकर आने वाले किसानों के लिए एक निश्चित वजन तय किया गया है। यह 70 से 80 क्विंटल तक हो सकता है, लेकिन शुगर मिल के केंद्रों से गन्ना लेकर आने वाले ट्रॉले व ट्रक ओवरलोड चलते हैं। इनकी वजह से ही सड़क पर जाम लगता है। इन ओवरलोड ट्रक व ट्रॉलों में गन्ना इस कदर भरा होता है कि आसपास से कोई अन्य वाहन नहीं निकल सकता। शुगर मिल प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
कार के ऊपर पलट गई थी गन्ने से लदी ट्रॉली
पिछले सप्ताह बूड़िया रोड पर एक गन्ने से लदी ट्रॉली कार के ऊपर गिर गई थी। गनीमत रही कि कार में उस समय कोई नहीं था। इसी तरह से दो दिन पहले कन्हैया साहिब चौक के पास भी दो ट्रॉले गन्ना लेकर आ रहे थे। एक दूसरे से आगे निकलने के प्रयास में दोनों के गन्ने आपस में उलझ गए। जिससे पूरी सड़क जाम हो गई थी।
कोट्स :
किसान अपनी फसल लेकर आ रहा है। उनके खिलाफ हम कुछ नहीं कर सकते। ओवरलोड का चालान करना आरटीए का कार्य है। हम सिर्फ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ही चालान कर सकते हैं। गन्ने से लदे वाहनों पर आरटीए को ही कार्रवाई करनी चाहिए।
याद¨वद्र, यातायात प्रभारी।