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खनन के लिए दी जमीन का रेट कम मिलने पर तीसरे दिन भी नारेबाजी

यमुना नदी के जठलाना घाट पर किसानों द्वारा खनन के लिए दी गई जमीन के ठेके के रेट कम मिलने पर किसानों का आंदोलन तीसरे दिन सोमवार को भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 06:50 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 06:50 PM (IST)
खनन के लिए दी जमीन का रेट कम मिलने पर तीसरे दिन भी नारेबाजी
खनन के लिए दी जमीन का रेट कम मिलने पर तीसरे दिन भी नारेबाजी

संवाद सहयोगी, रादौर : यमुना नदी के जठलाना घाट पर किसानों द्वारा खनन के लिए दी गई जमीन के ठेके के रेट कम मिलने पर किसानों का आंदोलन तीसरे दिन सोमवार को भी जारी रहा। आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत करने के लिए डीएसपी अजय राणा, थाना प्रभारी जठलाना रमेश कुमार, ठेकेदार कुल¨वद्र ने किसानों से बातचीत करने के लिए कुछ किसानों को थाने में बुलाया। लेकिन उस समय कोई बात सिरे नहीं चढ़ी। किसानों ने तीसरे दिन भी जठलाना घाट पर खनन का कार्य बंद करवाकर रखा। जिस कारण पिछले तीन दिनों से जठलाना घाट पर खनन का कार्य नहीं हो पाया है। घाट की खनन की मशीने बंद पड़ी हुई है। गुस्साये किसान आंदोलन जारी रखते हुए धरने पर बैठ गए। किसानों ने घोषणा की कि जब तक उनकी भूमि के ठेके की राशि को नहीं बढ़ाया जाएगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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किसान धर्म ¨सह जठलाना, रामगोपाल, राकेश, बलबीर, वेदपाल, बिहारी शर्मा, शेर ¨सह, रामकुमार, अनिल कौशिक, शिवकुमार, सुखदेव राणा, बलबीर ¨सह, भूलन ¨सह, विष्णु, रा¨जद्र, रघुवीर, बलवंत, ब¨लद्र, सोमपाल, अरुण ने बताया कि गांव जठलाना के 50 से अधिक लोगों ने जठलाना घाट के ठेकेदारों को खनन के लिए अपनी भूमि ठेके पर दी हुई है। जठलाना घाट पर किसानों को हर साल भूमि का खनन करने के लिए मात्र 27 हजार रुपये प्रति एकड़ ठेका दिया जा रहा है, जबकि दूसरे घाटों पर 60 हजार रुपये ठेका दिया जा रहा है। उनके द्वारा बार बार मांग करने पर भी उनकी भूमि का ठेका नही बढ़ाया जा रहा है। किसानों ने बताया कि खनन के ठेकेदार ने उनकी भूमि पर चार फुट तक खनन करने का एग्रीमेंट किया था, लेकिन ठेकेदार ने यमुना नदी में 15 फुट से भी अधिक गहराई तक खनन करके नियमों को तोड़ा है। उनसे वादा किया गया था कि खनन कार्य मशीनों से नहीं होगा, लेकिन मशीनों से रात के समय भी खनन किया जा रहा है। उनकी मांग है कि उन्हें दूसरे घाटों पर भूमि के लिए दिए जा रहे ठेके के बराबर राशि दी जाए अन्यथा उनका आंदोलन जारी रहेगा।


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