सरपंच बोले- रेत, बजरी के बढ़े दाम
ठेकेदारों ने काम बीच में रोक दिया। जिस कारण ज्यादा दिक्कत बढ़ गई है।
संवाद सहयोगी, जगाधरी : रेत, बजरी और कोरसेंट के लगातार बढ़ रहे दामों से विकास कार्य रूक गए है। ठेकेदारों ने काम बीच में रोक दिए। इस कारण ज्यादा दिक्कत बढ़ गई है। ग्रामीण भी दिन निकलते ही गली, नालियों और सड़क की मरम्मत के लिए आ जाते हैं। हमारे पास कोई जवाब नहीं है। सरपंचों के चुनाव में भी समय कम ही रह गया। यदि ऐसा ही चलता रहा तो जनता नाराज हो जाएगी। इसका नुकसान दूर तक होगा। इस दिक्कत का ठोस हल निकला जाए। ये गुहार कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर से विभिन्न गांवों से आए सरपंचों ने लगाई। मंत्री कंवरपाल ने सरपंचों को आश्वासन किया कि बिल्डिंग मैटीरियल में आ रही समस्या का समाधान निकाला जाएगा। अधिकारियों से चर्चा करने के बाद यदि आवश्यक हुआ तो मैटीरियल की सरकारी दरों को संशोधित कराया जाएगा। विकास कार्य नहीं रूकने दिए जाएंगे। विकास कार्यो से जुड़ी निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि भी सरपंचों के साथ आए थे। कोई मैटीरियल लाने को तैयार नहीं
सरपंच प्रधान शिव कुमार सीपियावाला सरपंच अजमेर सिह उर्जनी , धर्मपाल नरवाल सरपंच शेरपुर, मुंडे खेड़ा सरपंच कर्मबीर, ठेकेदार प्रधान कर्म सिंह नरवाल, रमेश जयधरी, राजबीर, संजीव, सतपाल राम जतन, प्रीतम सिंह जयधरी, धर्मवीर ने कहा कि मैटीरियल के दाम विशेष टीम के आने के बाद से बढ़े हैं। कोई भी मैटीरियल लाने के लिए तैयार नहीं है। हर कोई कार्रवाई से डरा हुआ है। जो लोग आशियाना बना रहे हैं। दाम बढ़ने से उनका काम भी रूका हुआ है। उनका बजट दो गुणा से ज्यादा बढ़ गया है। सभी वर्ग रेत व बजरी के रेट बढ़ने से बहुत ज्यादा परेशान है। ये हुई बढ़ोत्तरी
मैटीरियल पहले अब
रेत 1600 2800
बजरी 1800 4000
कोरसेंट 2550 3400 सरिया बढ़ा पांच रुपये क्विंटल
सरिया के दाम 3800 प्रति क्विंटल था। अब बढ़कर 4300 रुपये क्विंटल बढ़ गया है। लोहे का कारोबार करने वालों का भी कहना है कि आए दिन दाम बढ़ने से हम भी परेशान हैं। दाम बढ़ने के पीछे स्क्रैब की कमी बताई जा रही है। ग्राहकों को हर रोज समझना मुश्किल हो रहा है। दिसंबर माह में 4800 रुपये हजार के हिसाब से ईंट बिक रही है। एनजीटी की सख्ती बढ़ने से अब रेट 5500 प्रति हजार पर पहुंच गई है। जब खनन बंद थी तब ये रेट थे
खनन की साइट खुलने से पहले रेत 2500 रुपये सैकड़ा रेत और तीन हजार रुपए सैकड़ा बजरी मिलती थी। माइनिग शुरू होने पर रेत 1500 और बजरी 1800 रुपए प्रति सैकड़ा हो गया था। अब अवैध खनन पर कार्रवाई होने से रेट पहले से भी ज्यादा हो गए।