दबाव बढ़ा, तो पुलिस ने खुद को बचाने के लिए किया केस दर्ज, छात्रा को तलाशने के लिए चौकी से बाहर तक नहीं निकले
नाबालिग छात्रा को सगीर अपने चंगुल में फंसाकर ले गया। परिजन छात्रा का धर्म परिवर्तन करवाने का अंदेशा जता रहे हैं। इसी आशंका में वह पुलिस से भी मिले। पहले तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में स्पीकर के नजदीकी भाजपा नेता पुलिस के पास पहुंचे तो दबाव पड़ने पर पुलिस ने 363 व 366ए के तहत केस दर्ज कर खानापूर्ति कर ली।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नाबालिग छात्रा को सगीर अपने चंगुल में फंसाकर ले गया। परिजन छात्रा का धर्म परिवर्तन करवाने का अंदेशा जता रहे हैं। इसी आशंका में वह पुलिस से भी मिले। पहले तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में स्पीकर के नजदीकी भाजपा नेता पुलिस के पास पहुंचे, तो दबाव पड़ने पर पुलिस ने 363 व 366ए के तहत केस दर्ज कर खानापूर्ति कर ली। छात्रा को तलाशने के लिए कोई जिद्दोजहद नहीं की। चौकी से बाहर तक भी पुलिस इस केस में नहीं निकली। परिजन भी पुलिस के पास पहुंचे, तो उन्हें भी कार्रवाई करने की बात कहकर वापस भेज दिया गया। परिजनों के मुताबिक, छात्रा की आयु 17 साल आठ महीने है। हाईकोर्ट की एडवोकेट आरती का कहना है कि पुलिस की मंशा इस केस में ठीक नहीं दिख रही है। छात्रा नाबालिग है, तो पोक्सो के तहत केस दर्ज होना चाहिए था।
परिजनों की ओर से दी शिकायत के मुताबिक, छात्रा 12वीं में पढ़ती है। वह परीक्षा देने के लिए गई थी। दोपहर को परीक्षा खत्म होने के बाद जब छात्रा का पिता उसे लेने स्कूल में पहुंचा, तो वह नहीं मिली। उसकी सहेलियों व स्कूल में पता किया, तो कोई जानकारी नहीं मिली। बाद में किसी ने बताया कि छात्रा को सगीर नाम का युवक अपने साथ लेकर गया है। काफी तलाश करने के बाद भी जब छात्रा का पता नहीं लगा, तो मंगलवार की देर शाम परिजन भाजपा नेता के साथ बूड़िया गेट चौकी में शिकायत देने पहुंचे थे। हालांकि बूड़िया गेट चौकी इंचार्ज ने उस समय यह कहा था कि परिजनों ने शिकायत नहीं दी है। बुधवार को इस मामले में पुलिस ने आरोपित युवक पर केस दर्ज कर लिया। परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन करवाया जा सकता है। इसलिए उसे जल्द से जल्द तलाशा जाए। वहीं बताया जा रहा है कि युवक पहले भी छात्रा को अपने साथ बहला फुसलाकर ले गया था। उस समय भी परिजनों ने खुद ही छात्रा को तलाशा था। परिजनों का यह भी आरोप है कि आरोपित युवक पक्ष की ओर से उन्हें कार्रवाई न कराने की धमकी भी दी जा रही है।