पता पूछने के बहाने बदमाशों ने बुजुर्ग के कान से बालियां झपटी
जम्मू कॉलोनी में दवा लेकर लौट रही बुजुर्ग कृष्णा रानी के कानों से बाइक सवार दो बदमाशों ने सोने की बालियां झपट ली। छीना-झपटी में बुजुर्ग का कान भी कट गया। लोगों ने आरोपितों का पीछा किया लेकिन बदमाश भागने में कामयाब हो गए।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जम्मू कॉलोनी में दवा लेकर लौट रही बुजुर्ग कृष्णा रानी के कानों से बाइक सवार दो बदमाशों ने सोने की बालियां झपट ली। छीना-झपटी में बुजुर्ग का कान भी कट गया। लोगों ने आरोपितों का पीछा किया लेकिन बदमाश भागने में कामयाब हो गए। दो दिन में शहर में झपटमारी की यह चौथी वारदात है। सुरक्षा व्यवस्था में ढिलाई का फायदा उठाकर बदमाश वारदातों को दिन में ही अंजाम दे रहे हैं।
जम्मू कॉलोनी निवासी बलविद्र कौर ने बताया कि उसकी सास 75 वर्षीय कृष्णा रानी दोपहर को घर से कुछ दूर पिछली गली डॉक्टर के पास दवाई लेने गई थी। उनके साथ उसकी लड़की जैसमीन कौर भी थी। दवाई लेकर दोनों घर के बाहर पहुंचे थे। जैसमीन गेट खोल कर अंदर आ गई लेकिन सास बाहर ही खड़ी रही। तभी एक युवक सास के पास आया और किसी का पता पूछने लगा। इससे पहले की वे कुछ समझ पाती बदमाशों ने सास के कानों से सोने की दोनों बालियां झपट ली। एक कान से तो बाली निकल गई लेकिन दूसरा कान झपटमारी में कट गया। उन्होंने शोर मचाया तो बदमाश कुछ दूर खड़े अपने साथी की बाइक पर बैठ कर फरार हो गया। शिकायत पर थाना फर्कपुर पुलिस ने बदमाशों पर केस दर्ज किया है। फिर सक्रिय हुए बाइक सवार बदमाश
कुछ दिनों की शांति के बाद झपटमारी की घटनाएं फिर से होने लगी हैं। 27 सितंबर को हसनपुरा का शमसाद अली शाम को गांव में लौट रहा था। रास्ते में उसे बाइक पर आए युवकों ने पकड़ लिया। आरोपित उसका मोबाइल व पर्स झपट ले गए। इसी दिन पुराना हमीदा की गीतिका से भी बाइक सवार चेन झपट कर फरार हो गए थे। इसी तरह सरस्वती शुगर मिल कॉलोनी की राजकुमारी नानकपुरी में कीर्तन में शामिल होने के लिए गई थी। वहां से ऑटो में लौट रही थी। रात को आठ बजे वह रमेश जूस कॉर्नर के पास पहुंची तो बाइक सवारों ने उनके कान से सोने की बाली झपट ली। आखिर कब लगेंगे शहर में सीसीटीवी
शहर में जब नगर निगम बनी थी, तब पहली ही मीटिग में सभी वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव आया था। इसके बाद भी कैमरे लगाने को लेकर कई बार चर्चा हुई। इसके बावजूद अभी तक किसी वार्ड में एक भी कैमरा नहीं लगाया गया। यदि वार्ड के मुख्य चौराहों व गलियों में कैमरे होते तो झपटमारी करने वाले बदमाश पहचान हो सकती थी। जिस तरह से दो दिन में चार वारदात हो चुकी हैं उससे लगता है कि यह किसी एक ही गिरोह का काम है।