मतदान केंद्र के बाहर नेताजी के बस्ते पर भीड़ को देखकर लगाए जीत हार के कयास
देश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव को लेकर हर वर्ग में उत्साह देखने को मिला। वोटिग शुरू होने पहले ही वोटर मतदान केंद्र पर पहुंचने शुरू हो गए। प्रत्याशियों के बस्तों पर नजारा देखने लायक था।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : देश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव को लेकर हर वर्ग में उत्साह देखने को मिला। वोटिग शुरू होने पहले ही वोटर मतदान केंद्र पर पहुंचने शुरू हो गए। प्रत्याशियों के बस्तों पर नजारा देखने लायक था। चर्चाएं भी तरह-तरह की रही। भीड़ को देखकर लोग हार जीत का अंदाजा लगात रहे। जिसके बस्ते पर लोगों की भीड़ अधिक देखी, उसको जिता दिया और जहां कम देखे उनको हरा दिया। किसी की जमानत जब्त करवा दी तो किसी को भारी मतों से विजयी बना दिया। नतीजे क्या रहेंगे, ये तो 23 मई को ही सामने आएगी, लेकिन फिलहाल चर्चाएं कई तरह की हो रही हैं। प्रत्याशियों के बस्तों पर लगी भीड़ ने दो राष्ट्रीय दलों के बीच जबरदस्त मुकाबला बयां किया। क्षेत्रीय दलों के कुछ प्रत्याशियों के बस्तों पर माहौल सुबह से शाम तक ठंडा रहा। प्रत्याशी लेते रहे अपडेट
हालांकि बड़े नेता बूथों पर कम ही दिखाई दिए, लेकिन उनके समर्थक अल-सुबह ही घर से निकल पड़े। दिनभर अलग-अलग बूथ पर चक्कर लगाते रहे। समर्थकों के साथ सभी बूथों का दौरा कर अपडेट लिया। कई समर्थक अपने नेता को यही कहते हुए सुने गए कि साहब.. अपना माहौल अच्छा है। टेंशन मत लो.. जीत पक्की है। जुबां से यही बात सुनी गई कि जीत का मार्जिन अच्छा रहेगा। एक प्रत्याशी ने बताया कि चुनाव की टेंशन काफी थी। पूरी-पूरी रात जागकर प्रचार किया। बस अब तो परिणाम की चिता है। इनसेट
सड़कें रही सुनसान
सामान्य दिनों में जिस सड़कों पर दिनभर वाहनों का दबाव रहता है, वह सड़कें रविवार को सुनसान दिखाई दी। दुकानदारों ने भी वोट डालने के बाद ही दुकानें खोली। दोपहर तक बाजारों में भी रौनक कम रही। कई बूथों पर प्रत्याशी अपने वाहनों से मतदाताओं को घर से लेकर आए। कोई थ्री-व्हीलर से आया तो किसी को बाइक पर बिठाकर मतदान केंद्र तक लाया गया। बुजुर्गों को सहारा देकर मतदान केंद्र तक लाया गया, जबकि दिव्यांगों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा ने सहारा दिया। उनको मतदान केंद्र तक पहुंचाया गया।
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